EPS के लिए कंपनी अपने कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसे नहीं काटती। बल्कि ये योगदान कंपनी खुद अपनी ओर से ईपीएस में डालती है।

कई बार छोटी उम्र में बच्चें अनाथ हो जाते हैं। अगर आप अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखना चाहते हैं। तो आपको एम्प्लॉई पेंशन स्कीम जरूर लेनी चाहिए । ये स्कीमत EPFO के जरिए ही ली जाती है। जिसमें कोई भी नैकरीपेशा माता या पिता अथवा दोनों ही सदस्य बन सकते हैं। इस स्कीम के अनुसार अगर आपकी नौकरी को 10 साल पूरे हो गए हैं। तो आप एम्प्लॉई पेंशन स्कीम के हकदार बन जाते हैं। जिसका सीधा फायदा कई बार आपको या फिर आपके अनाथ बच्चों को मिलता है।

क्या है एम्पलॉई पेंशन स्कीम – EPFO Pension Scheme यानी EPS में पैसे जमा करने के लिए कंपनी अपने कर्मचारी की सैलरी से पैसे नहीं काटती बल्कि कंपनी के योगदान का कुछ हिस्सा ही ईपीएस में जमा करती है। ऐसे में , जब परिवार के कर्मचारी सदस्‍य की मौत हो जाती है। तो उनके अनाथ बच्चों को पेंशन मिलती है। आइए जानते हैं एम्‍प्‍लॉई प्रॉविडेंड फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) की तरफ से ईपीएस स्कीम के तहत अनाथ बच्चों को मिलने वाले फायदों के बारे में।

ईपीएस के तहत बच्चों के लिए लाभ – इस स्कीम में सरकार की ओर से अनाथ बच्चों को जो पेंशन मिलती है। वो विधवा पेंशन की 75 फीसदी होती है। इस स्कीम में अनाथ बच्चों को न्यूनतम 750 रुपये मासिक मिलते हैं। वहीं अगर दो बच्चें हैं तो दोनों अनाथ बच्चों को 750-750 रुपये की पेंशन हर महीने मिलेगी। इस योजना का फायदा अनाथ बच्चों की उम्र 25 साल तक होने तक मिलती है। इसके साथ ही किसी अक्षम बच्चे को जीवनभर पेंशन दी जाती है।

कैसे आता है पेंशन में मिलने वाला पैसा – EPS के लिए कंपनी अपने कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसे नहीं काटती। बल्कि ये योगदान कंपनी खुद अपनी ओर से ईपीएस में डालती है। EPFO के नए नियम के अनुसार जिन लोगों की बेसिक सैलरी 15 हजार रुपये से कम होगी।

उन्हें ईपीएस स्कीम का फायदा मिलेगा। वहीं आपकी सैलरी का कुल 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है। इसके अनुसार 15 हजार रुपये बेसिक सैलरी होने पर ईपीएस में 1250 रुपये हर महीने जमा होते हैं।