पनकी रेलवे स्टेशन पर तैनात अवर अभियंता (जेई) संजय कुमार गुप्ता ने प्रभारी पर उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए वाट्सएप ग्रुप पर सुसाइड नोट लिखा और फांसी लगाने की कोशिश की। मैसेज देखकर आसपास रहने वाले कर्मचारी पहुंचे और दरवाजा तोड़कर उसकी जान बचाई। इसके बाद संजय को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मूलरूप से प्रतापगढ़ के कन्हई थानाक्षेत्र के दीवानगंज निवासी संजय ने बताया कि छह माह से प्रभारी मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। न समय से रेस्ट दे रहे हैं और न छुट्टी। रेस्ट पर रहने के बावजूद बिना पूछे ड्यूटी लगा दी जाती है। संजय ने सुसाइड नोट में लिखा कि प्रभारी ने उन्हें दादाजी का स्वर्गवास होने के बावजूद श्राद्ध व क्रियाकर्म में छुट्टी देने से इन्कार कर दिया। कुछ समय पहले माता जी की तबीयत खराब थी, तब पांच दिन की छुट्टी दी गई, मगर दो दिन बाद ही यह कहते हुए बुला लिया कि तीन-चार दिन बाद फिर चले जाना। चार दिन बाद माता की तबीयत और खराब हो गई, लेकिन घर नहीं जाने दिया।

26 और 28 अक्टूबर को पत्नी की बीएड परीक्षा होनी थी, लेकिन अवकाश नहीं दिया। मजबूरी में प्रभारी को सूचित कर पत्नी को परीक्षा दिलाने गए। 30 अक्टूबर की सुबह सात बजे जब संजय ने प्रभारी से ड्यूटी की बात की तो सहायक मंडल अभियंता से बात करने के लिए कहा। जब संजय सहायक मंडल अभियंता से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे तो वह नहीं मिले। उन्होंने लिखा कि तनाव में वह ड्यूटी कर पाने में असमर्थ हैं। सुबह से कुछ नहीं खाया है, सीने में दर्द है। नौकरी छोड़ भी नहीं सकता, क्योंकि परिवार पर बहुत कर्ज है, जिसे नौकरी करके चुकाना था, लेकिन अब असमर्थ हूं और मौत को गले लगाने जा रहा हूं। इसके जिम्मेदार प्रभारी व सहायक मंडल अभियंता होंगे।

संजय कुमार गुप्ता बिना बताए तीन दिन के लिए गैरहाजिर हो गए थे। उनसे जवाब मांगा गया। वह मिलने आए, तब मैं लखनऊ में था। उन्हें इंतजार करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने यह कदम उठा लिया। प्रताडि़त करने और छुट्टी न देने के आरोप बेबुनियाद हैं। वह रेलवे प्रशासन पर दबाव बनाना चाहते हैं। -सीबी मिश्रा, असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर लाइन