पेंशन फंड रेग्युलेटर PFRDA ने National Pension Scheme के लिए एंट्री की उम्र सीमा 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी है. 65-70 साल की उम्र में एनपीएस अकाउंट खुलवाने पर उसे 75 सालों तक चलाया जा सकता है.

नई दिल्ली: देश के लाखों पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर है. पेंशन फंड रेग्युलेटर PFRDA ने नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में बड़ा बदलाव किया है. पीएफआरडीए ने नेशनल पेंशन स्कीम के लिए एंट्री और एग्जिट की उम्र सीमा में बदलाव किया है. अब नए नियम के तहत पेंशन स्कीम में 70 साल की उम्र तक एनरोल किया जा सकता है. पहले यह सीमा 65 सालों तक थी.

जानिए क्या हुये बदलाव?

PFRDA के रिवाइज्ड सर्कुलर के अनुसार, कोई भारतीय नागरिक या ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) जिसकी उम्र 65-70 साल के बीच है, वह भी अब NPS में शामिल हो सकता है. वह इस स्कीम को 75 सालों तक कंटीन्यू कर सकता है. इसके साथ ही पेंशन फंड रेग्युलेटर ने कहा कि ऐसे सब्सक्राइबर्स जिन्होंने अपना एनपीएस अकाउंट बंद कर दिया है वे भी बदले नियम का फायदा उठा सकते हैं. यानी अब 65 साल के बाद 70 सालों तक वे भी नया NPS Account खुलवा सकते हैं.

ऑटो च्वाइस में इक्विटी में अधिकतम 15 फीसदी

PFRDA ने कहा कि अगर कोई सब्सक्राइबर 65 वर्ष के बाद एनपीएस अकाउंट खुलवाता है तो वह ‘Auto Choice’ के अंतर्गत वह अपने फंड का अधिकतम 15 फीसदी ही शेयर बाजार में जमा करवा सकता है. दरअसल, ऑटो च्वाइस में गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज में 75-90 फीसदी तक जमा होता है. इसी तरह निवेश का दूसरा विकल्प होता है Active Choice. इसमें इक्विटी में अधिकतम 50 फीसदी तक जमा किया जा सकता है. बाकी कॉर्पोरेट बॉन्ड या गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज में जमा किया जा सकता है.

एक्टिव च्वाइस में निवेश के ज्यादा विकल्प

सब्स्क्राइबर की उम्र के हिसाब से ऑटो च्वाइस में फंड का पैसा निश्चित जगहों पर निर्धारित अनुपात में जमा किया जाता है. वहीं, एक्टिव च्वाइस में सब्सक्राइबर के पास निवेश का बेहतर विकल्प होता है. पेंशन फंड का पैसा इक्विटी मार्केट, कॉर्पोरेट बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज और निवेश के अन्य साधनों में जमा किया जाता है.