रेलवे का पुराना रिकार्ड चोरी छिपे बेचने के मामले में विभाग के तीन कर्मचारियों की गर्दन फंस गई है। यह कागजात मामूली नहीं है। जांच के बाद कोई बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। एक साजिश के तहत यह पुराना रिकार्ड एक कबाड़ी को बेचा गया था। आरपीएफ थाना पुलिस ने सभी पुराना रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है। इस रिकार्ड को बिना किसी रेलवे अधिकारी की अनुमति लिए बिना ही जलाने का प्रयास चल रहा था।

दरअसल, आरपीएफ थाना प्रभारी नवीन कुमार को सूचना मिली कि रेलवे विभाग के तीन कर्मचारियों ने करीब 10 साल पुराना रिकार्ड एक कबाड़ी को बेच दिया है। इस रिकार्ड को बेचने से पहले किसी भी रेलवे अधिकारी की अनुमति नहीं ली गई है। जिसके बाद पहले आरपीएफ ने कबाड़ी को पकड़ने के लिए उसका पीछा किया। मंगलवार की देर शाम कबाड़ी को अंबाला रोड से पकड़ लिया। उसके रेहड़े में करीब 12 बोरे थे। आरपीएफ थाना प्रभारी नवीन कुमार ने बताया कि इस मामले में रेलवे के चीफ पार्सल सुरपवाइज राजेंद्र कुमार गोसाई, पार्सल सुपरवाइजर राकेश पासी और राजीव मित्तल को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक की जांच में सामने आ रहा है कि रिकार्ड को शहर के बाहर ले जाकर जलाने का प्रयास किया गया है। इस काम के लिए कबाड़ी को कुछ लालच भी दिया गया है। आशंका है कि पुराने रिकार्ड की यदि जांच की जाए तो पुराना कोई बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। इसलिए मामले की जांच की जा रही है।

यह है पूरा नियम

रेलवे विभाग का यदि 10 साल पुराना रिकार्ड को न तो किसी को बेच सकते हैं और न ही बिना अनुमति के जला कर सकते हैं। नष्ट किया जा सकता है, लेकिन रिकार्ड को जलाने से पहले रेलवे अधिकारियों की एक कमेटी बनती है। निगरानी कमेटी की देखरेख में रिकार्ड को नष्ट किया जा सकता है। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाती है।