राजधानी एक्‍सप्रेस भारत की सबसे सुरक्षित और खास ट्रेनों में से एक मानी जाती है, लेकिन इसी ट्रेन में बिहार की रहने वाली लड़की से दुष्‍कर्म किया गया है। यह घटना चलती ट्रेन में हुई है। वारदात को अंजाम देने वाला शख्‍स और कोई नहीं बल्कि रेलवे को सेवा देने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी का कर्मचारी है। पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद रेल विभाग में हलचल मच गई। तुरंत संबंधित आउटसोर्सिंग एजेंसी को काम से बाहर कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक गुजरात के अहमदाबाद स्‍टेशन पर राजकीय रेल पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद केस को राजस्‍थान की राजधानी जयपुर में जीआरपी को ट्रांसफर कर दिया। दरअसल पीड़‍ित लड़की जयपुर में ही इस ट्रेन में सवार हुई थी।

आरपीएफ की महिला कांस्‍टेबल ने दिखाई सतर्कता

यह मामला चार अगस्‍त का ही बताया जा रहा है। बुधवार के दिन सुबह 9.40 बजे 02958 डाउन नई दिल्‍ली-अहमदाबाद स्‍वर्णिम जयंती राजधानी एक्‍सप्रेस के अहमदाबाद पहुंचने के थोड़ी ही देर बाद आरपीएफ की एक महिला सिपाही ने प्‍लेटफार्म पर एक लड़की को डरी-सहमी हालत में देखा। महिला सिपाही ने लड़की को दिलासा देते हुए उससे पूछताछ ही तो सारी कहानी सामने आई। पीड़ि‍त लड़की की उम्र लगभग 17 साल बताई जा रही है। उसने बताया कि वह जयपुर स्‍टेशन पर ट्रेन में सवार हुई थी।

आउटसोर्सिंग एजेंसी के स्‍टाफ ने झांसा देकर किया दुष्‍कर्म

लड़की ने पुलिस को बताया कि वह बिहार के मुंगेर जिले की रहने वाली है। वह घर से भागकर किसी तरह जयपुर पहुंच गई थी। वह फिर से बिहार लौटना चा‍हती थी और इसी के लिए जयपुर स्‍टेशन पर घूम रही थी। इसी बीच राजधानी एक्‍सप्रेस में काम करने वाले एक स्‍टाफ से उसकी मुलाकात हुई। उसने लड़की को बिहार छोड़ देने का भरोसा देकर ट्रेन में चढ़ा लिया और एक ट्रेन के खुलने के बाद एक खाली केबिन में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया।

कोच के खाली केबिन में किया गलत काम

ट्रेन का एक केबिन यात्रियों को देने के लिए चादर, बेडशीट और तकिया रखने के काम में आता है। कोविड संक्रमण के कारण फिलहाल रेल यात्रियों को ये चीजें नहीं दी जा रही हैं। इसलिए यह केबिन खाली पड़ा रहता है। बताया जा रहा है कि इसी केबिन में वारदात को अंजाम दिया गया।