विकास की रफ्तार को तेज़ी देने के लिए केंद्र सरकार अब एक अहम कदम उठा रही है. सरकार ने अंडर सेक्रेटरी लेवल के अफसरों के रिव्यू का आदेश दिया है. ये रिव्यू कम परफॉर्म करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों (central government employees) और 50 साल से अधिक की उम्र पार कर चुके अधिकारियों का होगा. माना जा रहा है कि अंडरपरफॉर्म करने वाले अधिकारियों पर केंद्र सरकार पर एक्शन ले सकती है.

जिस तरह की एक्सरसाइज़ की जा रही है, वह इसलिए अहम है क्योंकि पिछली बार जब ऐसा हुआ था तब टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े कई अधिकारियों को वक्त से पहले रिटायर कर दिया गया था, जिनकी परफॉर्मेंस खराब थी. परफॉर्मेंस को तय करने का जो आधार बनाया गया है, उसमें छुट्टियों की संख्या, प्रॉपर्टी या ट्रांजैक्शन पर संदेह, मेडिकल हेल्थ जैसी चीज़ों को गिना जाएगा.

हालांकि, इसमें राहत की बात उन लोगों के लिए जिनके रिटायरमेंट (Retirement) में एक साल तक का ही वक्त बचा है, ऐसे में उन्हें समय से पहले रिटायर नहीं किया जाएगा. इस पूरे रिव्यू के दौरान अडंर सेक्रेटरी लेवल के पूरे रिकॉर्ड को गिना जाएगा. सरकार के मुताबिक, सर्विस रिकॉर्ड में अधिकारी को मिले टारगेट के अलावा फाइल क्लियर, पेपर सबमिट समेत अन्य चीज़ों को भी मापा जाएगा.

इस रिव्यू के लिए शुरुआती निर्देश अगस्त 2020 में दिए गए थे. जिसमें कहा गया था कि क्या सरकारी अधिकारी को काम जारी रखना चाहिए या फिर पब्लिक इंटरेस्ट में जल्दी रिटायर हो जाना चाहिए. इसके लिए बकायदा एक फॉर्म तैयार किया गया है, जिसमें सभी प्वाइंट्स नोट किए जाने हैं. सभी डिपार्टमेंट, मंत्रालयों को पूरा डाटा और इनपुट मुहैया कराना होगा.

मंत्रालयों और डिपार्टमेंट को सख्त आदेश दिया गया है कि जो भी फॉर्म दिया जा रहा है, उसका कोई भी कॉलम खाली नहीं रहना चाहिए. सरकार ने पिछले साल ही ऐसे एक एक्शन के दौरान साफ किया था कि ये किसी तरह की पेनल्ट नहीं है, बल्कि एक कम्पलसरी रिटायरमेंट माना जाएगा. यानी सरकार के पास इसका अधिकार है कि वह लोगों के हितों को देखते हुए इस तरह अधिकारियों को रिटायर कर सके.