फेडरेशन का कहना है कि इस संकट के दौर में ट्रेन व माल गाडि़यों का परिचालन करने के लिए रेल कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद रेलवे प्रशासन कर्मचारी विरोधी फैसले ले रहा है।

रेलवे में इस वर्ष 13,450 पद खत्म करने के फरमान से रेलवे कर्मचारी संगठनों में रोष है। इस फैसले को वापस नहीं लिए जाने पर आल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन (एआइआरएफ) ने आंदोलन की चेतावनी दी है। फेडरेशन का कहना है कि इस संकट के दौर में ट्रेन व माल गाडि़यों का परिचालन करने के लिए रेल कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद रेलवे प्रशासन कर्मचारी विरोधी फैसले ले रहा है। एआइआरएफ ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर तुरंत इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।

पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को पत्र लिखकर गैर जरूरी पदों को समाप्त करने को कहा है। उत्तर रेलवे में सबसे ज्यादा 2,350 पद उत्तर रेलवे में खत्म होंगे। रेलवे बोर्ड के इस आदेश से कर्मचारियों में नाराजगी है। एआइआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेलवे कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

ट्रेन व मालगाड़ी के सुचारू परिचालन के साथ ही विभिन्न राज्यों में आक्सीजन की कमी दूर करने के लिए आक्सीजन एक्सप्रेस चला रहे हैं। इस दौरान कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए और कई लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि यदि रेलवे बोर्ड ने आदेश वापस नहीं लिया तो इस महामारी के बीच कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।