आनंद विहार से रक्सौल जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस अभी डीजल इंजन से संचालित होती है। इंजन पर मुरादाबाद के चालक हरिराज सिंह व सहायक चालक अर्जुन सिंह तैनात थे। चालक को बू आने पर उसने सहायक चालक को चेक करने के ल‍िए कहा।

चालक की सतर्कता से सद्भावना एक्सप्रेस की कोच में आग लगने से बच गई। रेलवे मंडल में इस साल ट्रेन के कोच व इंजन में आग लगने की यह दूसरी घटना है। चालक और सहायक चालक की समझदारी से बड़ा हादसा होने से टल गया। 

आनंद विहार से रक्सौल जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस अभी डीजल इंजन से संचालित होती है। इंजन पर मुरादाबाद के चालक हरिराज सिंह व सहायक चालक अर्जुन सिंह तैनात थे। दोनों को आनंद विहार से मुरादाबाद तक ट्रेन को लाना था। मुरादाबाद से चालक व सहायक चालक बदले जाते हैं। शनिवार शाम को 7:15 बजे अमरोहा स्टेशन पर दो मिनट रुकने के बाद ट्रेन चली। उस समय तक इंजन ठीक था। अमरोहा स्टेशन के आउटर से ट्रेन से बाहर निकलते ही चालक को कुछ जलने की बू आने लगी। हरिराज ने सहायक चालक अर्जुन सिंह को इंजन को देखने को कहा।

सहायक चालक ने बताया कि इंजन में आग लगी हुई है। इसके बाद चालक ने ट्रेन रोक दी और स्टेशन मास्टर अमरोहा, ट्रेन के गार्ड व कंट्रोल रूम को सूचना दी। इंजन को बंद कर दिया। इंजन में रखे फायर इंस्टीग्यूशर से आग बुझाने में जुट गए। आग जहां लगी हुई थी, वहां से ट्रेन की बोगी काफी नजदीक थी। चालक व सहायक चालक के प्रयास से आग की लपटें बाहर निकलनी बंद हो गईं। तब तक अग्निशमन यंत्र लेकर गार्ड व अमरोहा से स्टाफ पहुंच गए। इसके बाद आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया गया। मार्च में मुरादाबाद रेल मंडल के हरिद्वार व देहरादून के बीच शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में आग लग गई थी। उस ट्रेन के चालक व सहायक चालक ने आग लगी हुई बोगी को काटकर अलग कर दिया था। जिससे अन्य बोगी में आग लगने से बच गई थी।