कोरोना (Corona) की वजह से अब तक रेलवे मंत्रालय (Ministry of Railways) के करीब 1952 कर्मचारियों (employees) की मौत हो चुकी है. पिछले वर्ष से लेकर अब तक करीब 100000 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. रेलवे मंत्रालय के अनुसार बीमार हुए कर्मचारियों में से 98 फीसदी तक निगेटिव होकर दोबारा से काम लौट चुके हैं. रेलवे अस्‍पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 4000 से करीब बेड उपलब्‍ध हैं. इनमें रेलवे कर्मचारी और उनके परिजन भर्ती हैं.

रेलवे मंत्रालय के अनुसार अब तक ( पिछले 14 से 15 माह में ) करीब 100000 रेलवे कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. रोजाना औसतन 1000 के करीब कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और 2 से 3 सप्‍ताह में ठीक होकर कर्मचारी वापस ड्यूटी ज्‍वाइन कर रहे हैं. रेलवे मंत्रालय के अनुसार ठीक होने की दर 98 से 99 के करीब है. पिछले वर्ष जब से लेकर अब तक कोरोना की वजह से 1952 रेलवे कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है. रेलवे अस्‍पतालों में कोरोना मरीजों के लिए लगातार बेड बढ़ाए जा रहे हैं.

आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के लिए भी चलेगी ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस

रेलवे मंत्रालय मौजूदा समय 8 राज्‍यों के लिए ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस का संचालन कर रहा है. इसमें महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश,हरियाण, तेलंगाना, राजस्‍थान, दिल्‍ली, उत्‍तर प्रदेश शामिल हैं. मंत्रालय  के अनुसार जिन जिन राज्‍यों से मांग आ रही है, वहां पर रेलवे आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस चला रहा है. अब तक विभिन्‍न राज्‍यों में 295 टैंकरों से 4709 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई की जा चुकी है.