रेलवे में 1800 से 1900 ग्रेड पे वेतनमान पर पदोन्नति के लिए भी रेल लाइनों पर कार्य करने वाले इन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दक्षता परीक्षा के तहत (लिखित परीक्षा) देनी पड़ती थी। लेकिन यह परीक्षा कर्मचारियों के लिए भारी पड़ रही थी।

आखिरकार, पूर्वोत्तर रेलवे स्थित लखनऊ मंडल के रेललाइनों पर कार्य करने वाले 400 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (प्वाइंटमैन, शंटमैन, लाइन जमादार, लीवर मैन और केबिनमैन) को पदोन्नति की सौगात मिल ही गई है। रेलवे प्रशासन ने दक्षता परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करते हुए वरीयता सह उपयुक्तता के आधार पर इन कर्मचारियों को 1800 से 1900 ग्रेड पे वेतनमान पर प्रमोट (पदोन्नति) कर दिया है। इस विषम परिस्थिति में भी रेलवे प्रशासन की इस पहल से कर्मचारियों में खुशी की लहर है।

लखनऊ मंडल में 1800 से 1900 ग्रेड पे वेतनमान के पद पर हुई है पदोन्नित दरअसल, 1800 से 1900 ग्रेड पे वेतनमान पर पदोन्नति के लिए भी रेल लाइनों पर कार्य करने वाले इन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दक्षता परीक्षा के तहत (लिखित परीक्षा) देनी पड़ती थी। लेकिन यह परीक्षा कर्मचारियों के लिए भारी पड़ रही थी। एक तो विभागीय उदासीनता के चलते यह परीक्षा कभी समय से नहीं होती थी। अगर परीक्षा होती थी भी तो कर्मचारी रुचि नहीं लेते। कुछ परीक्षा में नहीं बैठते। जो बैठते थे उनमें अधिकतर पास नहीं होते थे।

परीक्षा और पदोन्नति को लेकर कर्मचारियों का उत्साह ठंडा पड़ता जा रहा था। ऐसे में कर्मचारी अपनी प्रथम तैनाती 1800 ग्रेड पे वेतनमान से आगे नहीं बढ़ पाते थे। यही नहीं मेडिकल अनफिट होने पर उन्हें चौकीदार बना दिया जाता था। 1800 ग्रेड वेतनमान के चलते स्टेशन मास्टर, टीटीई और क्लर्क आदि के पदों पर भी उनकी विभागीय पदोन्नति नहीं हो पाती थी। 

ठंडा पड़ गया था रेलकर्मियों का उत्साह, नरमू ने पीएनएम में उठाया था मामला दरअसल, इन पदों पर पदोन्नति के लिए 1900 ग्रेड पे वेतनमान अनिवार्य होता है। ऐसे में कुछ कर्मचारी बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत्त भी हो जाते थे। कर्मचारियों की इस समस्या को आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) ने रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया था। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महाप्रबंधक केएल गुप्त ने महाप्रबंधक के साथ आयाेजित स्थायी वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में इस प्रकरण को उठाया था। उन्होंने ने दक्षता परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की थी। 

नरमू ने स्‍वागत किया हालांकि, संगठनों की मांग और रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दे दिया था। लेकिन लखनऊ मंडल में यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में थी। यूनियन के दबाव पर लखनऊ मंडल प्रशासन ने 475 रेलकर्मियों की सूची तैयार की थी। फिलहाल, यूनियन ने रेलवे प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है। यहां जान लें कि इस व्यवस्था से पूर्वोत्तर रेलवे में तैनात पांच हजार रेलकर्मियों को लाभ मिलेगा।