हैलट उर्सला के साथ सभी निजी अस्पताल भी मरीजों से फुल हैं। ऐसे में रेलवे कर्मचारी इसका खामियाजा ज्यादा भुगत रहे हैं। रीजेंसी और मधुराज के लिए रेफरल लेटर के बावजूद रेलवे कर्मचारियों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।

रेलवे में कर्मचारियों की सबसे बड़ी संख्या काम करती है। ऐसे में काम के दौरान उनका संक्रमित होना स्वाभाविक बात है। यह सब जानते हुए भी रेलवे ने अपने कर्मचारियों की सुध नहीं ली। जब अधिकतर कर्मचारी संक्रमित होने लगे और कई अपनी जांच गवां चुके तब रेलवे को बीमार कर्मचारियों की मदद की याद आयी। इस पर अब रेलवे ने कानपुर के कर्मचारियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9369101354 जारी कियाा है। इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने वाले कर्मचारी को रेलवे अधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों से बात करके बेड, ऑक्सीजन और अन्य जरूरी सेवाएं मुहैया कराएंगे। बता दें शहर में मरीजों को बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।

हैलट, उर्सला के साथ सभी निजी अस्पताल भी मरीजों से फुल हैं। ऐसे में रेलवे कर्मचारी इसका खामियाजा ज्यादा भुगत रहे हैं। रीजेंसी और मधुराज के लिए रेफरल लेटर के बावजूद रेलवे कर्मचारियों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसके चलते कई रेलवे कर्मचारी अपनी जान तक गवां चुके हैं तो कई जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। शुक्रवार को इलेक्ट्रिक लोको शेड के कर्मचारी राजेंद्र सिंह की भी समय पर चिकित्सीय सुविधा न मिलने से मौत हो गई। इससे पहले एक गार्ड, सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग में कार्यरत कर्मचारी समेत आधा दर्जन से ज्यादा रेलवे कर्मचारी अपनी जान गवां चुके हैं जबकि करीब दो सौ कर्मचारी या तो संक्रमित हैं या फिर बीमार हैं।