रेलवे कर्मचारी मयूर शेलके ने बताया कि मैं जब ड्यूटी पर था तभी एक बच्चा को ट्रैक पर गिरता हुआ देखा. पहले तो झिझका लेकिन फिर दौड़ पड़ा. शेलके ने अपनी जान की बाजी लगाकर बच्चे को जिंदा बचा लिया.

रेल मंत्रालय ने अपनी जान खतरे में डालकर बच्चे की जान बचाने वाले मध्य रेलवे के कर्मचारी मयूर शेलके को 50 हजार रुपये के इनाम से सम्मानित करने की घोषणा की है. रेलवे बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक ने मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर शेलके को इनाम दिये जाने की जानकारी दी है. पत्र में कहा गया है, ”शेलके ने अपनी जान की परवाह किये बगैर चलती ट्रेन के सामने पड़े बच्चे को सुरक्षित बचा लिया.’

क्या है मामला दरअसल, रेलवे प्लेटफार्म पर मां अपने छोटे से बच्चे के साथ हाथ पकड़ कर जा रही है. तभी अचानक बच्चे का हाथ मां के हाथ से छूट जाता है और वह बगल के ट्रैक पर गिर जाता है. बच्च ट्रैक पर से चिल्लाने लगता है मां उसे बचाने की कोशिश करती है लेकिन वह बचाने में असहाय रहती है. मां को कुछ समझ में नहीं आता है. इसी समय कुछ मीटर की दूरी पर इसी ट्रैक पर ट्रेन आती दिखाई देती है. तभी शेलके बहुत तेजी से वहां पहुंचकर बच्चे को ट्रैक से प्लेटफॉर्म पर रख देता है और खुद भी उपर चढ़ जाता है तभी ट्रेन वहां से गुजर जाती है.

कौन हैं शेलके शेलके ने बताया कि जब मैं ड्यूटी पर था तो देखा कि एक बच्चा ट्रैक पर गिर गया है. बच्चे को गिरता देख और सामने से ट्रेन आता देख मैं झिझका लेकिन फिर अगले ही पड़ दौड़ पड़ा. शेलके ने जान की परवाह किए बगैर ट्रैक पर कूदा और बच्चे को गोद में उठाकर ट्रैक से हट गया.

शेलके के इस कदम से बच्चे की जान बच गई. अब हर कोई शेलके के इस कदम की तारीफ कर रहा है. घटना 17 अप्रैल को घटी थी. शेलके मुंबई के निकट वंगणी स्टेशन पर पॉइंट्समैन के तौर पर तैनात हैं.