कानपुर रेलवे स्टेशन में कैंट व सिटी साइड का एक जैसा नजारा होगा। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले आधुनिक रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इसके लिए जीएम ने समीक्षा बैठक भी की है जल्द मौजूदा तस्वीर बदली जाएगी ।

सेंट्रल रेलवे स्टेशन पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) मॉडल पर आधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा। कैंट और सिटी साइड के प्रवेश द्वारों का नजारा भी पूरी तरह बदल जाएगा। थ्री स्टार होटल के साथ यहां यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। शनिवार को सेंट्रल स्टेशन की रीमॉडङ्क्षलग (कायाकल्प) को लेकर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए समीक्षा की। पुनर्विकास योजना के तहत ग्वालियर, प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल और आगरा कैंट स्टेशन का विकास किया जाएगा। यह कार्य इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन (आइआरएसडीसी) करेगा।

सेंट्रल स्टेशन को आधुनिक स्टेशन बनाने की कवायद पीपीपी मॉडल के तहत होगी। इसके लिए टेंडर मांगे जाएंगे। इसी के तहत विकास कार्य कराए जाएंगे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल स्टेशन की ऐतिहासिक इमारत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मौजूदा डिजायन के आगे नयी डिजायन बनाकर आधुनिक रूप दिया जाएगा।

इन सुविधाओं से लैस होगा स्टेशन सेंट्रल स्टेशन पर हर तरह की सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जो भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, आगामी भविष्य में 60 वर्ष की अवधि सेवा देने में सक्षम हों, इसे ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी। इसके लिए सभी संभावित पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। विशेषज्ञ आधुनिक तकनीक के आधार पर विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं। सिविल और टाउन प्लाङ्क्षनग अधिकारियों के साथ भी वार्ता चल रही है। सही मायनों में रेलवे स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।

जानिए-क्या होंगी सुविधाएं

  • -मल्टीपरपज बिल्डिंग में सिटी सेंटर, थ्री स्टार होटल एवं यात्रीघर
  • -लिफ्ट, एस्केलेटर व अन्य यात्री सुविधाओं की उपलब्धता
  • -मेट्रो स्टेशन जाने के लिए भी होगा रास्ता
  • -कैंट और सिटी साइड के प्रवेश की डिजाइन होगी समान
  • -प्रवेश द्वार से पोर्टिको तक आने जाने का अलग अलग रास्ता
  • -रिजर्वेशन कम बुकिंग काउंटर एक ही छत के नीचे
  • -मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी और पार्किंग सुविधा
  • -संचार सुविधाओं की उपलब्धता और शत प्रतिशत स्वच्छता

दिसंबर में भी बना था एक प्रस्ताव सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड को विकसित करने को लेकर दिसंबर 2020 में भी एक प्रस्ताव बना था। रेलवे बोर्ड के सदस्य प्रदीप कुमार ने तब इसका निरीक्षण भी किया था। तय हुआ था कि दिल्ली हावड़ा की ट्रेनों के लिए तीन नए आरक्षित प्लेटफार्म बनाए जाएंगे जिसमें यात्री सीधे प्रवेश कर सकेंगे। घंटाघर में दस मंजिला इमारत बनेगी जिसमें थ्री स्टॉर होटल, दो सौ यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था, तीन रेस्टोरेंट, शापिंग मॉल और मल्टीलेवल पार्किंग प्रस्तावित थी।

1930 में बना था सेंट्रल स्टेशन

सेंट्रल स्टेशन वर्ष 1930 में बना था। तब 29 मार्च को इसकी शुरुआत हुई थी। प्रारंभ में यहां तीन लाइनें थीं जो अब बढ़कर दस हो गई हैं। वर्तमान में सेंट्रल स्टेशन से वंदे भारत, तेजस, शताब्दी, स्वर्ण शताब्दी, प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर जैसी वीआइपी ट्रेनें संचालित हो रही हैं।

रेलवे स्टेशन पर एक नजर

-1930 में सेंट्रल स्टेशन शुरू

-48 लाख रुपये से बना था स्टेशन

-278 ट्रेनों का वर्तमान में संचालन

-50 हजार यात्रियों का हर दिन आगमन

  • सेंट्रल स्टेशन के पुनर्विकास से यात्री सुविधाओं के साथ यात्रा का माहौल भी बदलेगा। यात्रियों को एक छत के नीचे आधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। योजना पर काम चल रहा है। जल्द सब कुछ सामने होगा। -अमित मालवीय, जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज मंडल