इस साल पहली अप्रैल से नया वेतन कोड लागू होना था, लेकिन अभी तक सरकार ने चार श्रम कोड से संबंधित नियमों को ही अधिसूचित नहीं किया है। नए कोड में यह प्रावधान होना है कि कर्मचारियों के मूल वेतन का 50 फीसदी शुद्ध मासिक सीटीसी में रखा जाए। अगर ऐसा हो गया होता तो पहली अप्रैल से कर्मचारियों को अग्रिम के रूप में उनके शुद्ध मासिक वेतन का 50 फीसदी से अधिक नहीं मिलेगा। और यह अंतत: हर महीने हाथ में आने वाले वास्तविक वेतन, भविष्य निधि और ग्रेच्युटी को प्रभावित करता।

केंद्रीय श्रम और रोजगार सचिव अपूर्वा चंद्रा ने 8 फरवरी को कहा था कि मंत्रालय जल्द ही चार कोड- मजदूरी, औद्योगिक संबंध, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा कोड लागू करने की स्थिति में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने नियमों काे बनाते समय सभी हितधारकों से परामर्श किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि कोविड-19 के कारण एलटीसी को कर छूट में रखा गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से सरकारी कर्मचारियों की जेब में और पैसा आएगा, जिससे खर्च बढ़ेगा।

इस बीच कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फिर अपने फैसले को वापस लिए जाने के बाद गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि दरें कम करने का आदेश ‘चूक’ थी या फिर विधानसभा चुनावों के चलते उसे वापस लेना पड़ा। मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि अब निर्मला को वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “पेट्रोल-डीजल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी। जुमलों की झूठ की। ये सरकार जनता से लूट की!” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया कि विधानसभा चुनावों के बीत जाने के बाद केंद्र सरकार अपना ‘अनर्थशास्त्र’ फिर से लागू करेगी।

उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, “भारत सरकार की बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के लिए आदेश जारी करने में ‘चूक’ हुई या फिर चुनावों की वजह से इन्हें वापस लेना पड़ा?” इससे पहले उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, “कल रात में सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। आज सुबह जब सरकार जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है। सुबह उठते ही सारा दोष “ओवरसाइट” (चूक) शब्द पर मढ़ते हुए सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया।”