Indian Railway News: प्राइवेट प्लेयर्स ने रेलवे से कहा है कि जिस स्टेशन से प्राइवेट ट्रेन चलेगी, उससे 50 किलोमीटर दूर तक किसी भी दूसरे स्टेशन से वैसी ही ट्रेन चलाए जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। इन ट्रेनों का किराया भी सामान्य ट्रेन से अधिक होगा।

हाइलाइट्स:

  • जिस स्टेशन से प्राइवेट ट्रेन चलेगी, उससे 50 किलोमीटर दूर तक किसी भी दूसरे स्टेशन से वैसी ही ट्रेन चलाए जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
  • इन ट्रेनों का किराया भी सामान्य ट्रेन से अधिक होगा।
  • रेलवे 109 जोड़ी रूट्स पर चलने वाली 151 ट्रेनों की तरफ से मिलने वाली बोलियों के आधार पर फैसला लेगा।

 रेलवे में प्राइवेट पैसेंजर ट्रेन चलाने से पहले प्राइवेट प्लेयर्स ने कुछ शर्तें रखी हैं। उन्होंने रेलवे से कहा है कि जिस स्टेशन से प्राइवेट ट्रेन चलेगी, उससे 50 किलोमीटर दूर तक किसी भी दूसरे स्टेशन से वैसी ही ट्रेन चलाए जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। भारतीय रेलवे इस शर्त समेत और भी कुछ सुझावों पर विचार कर रहा है।

इससे पहले बोली लगाने के दस्तावेज में रेलवे ने कहा था कि जहां से भी प्राइवेट ट्रेन चलेगी, वहां आस-पास के किसी भी स्टेशन से 60 मिनट तक वैसी कोई ट्रेन नहीं चलेगी। हालांकि, प्राइवेट प्लेयर्स ने कहा था कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु समेत तमाम शहरों में कई स्टेशन हैं और सबअर्बन ट्रेनें भी हैं। ऐसे में उन्होंने कहा था कि इस नियम का दायरा थोड़ा बढ़ाने की जरूरत है। बोली के दस्तावेज में कहा गया है कि एक घंटें के अंदर दूसरी ट्रेन नहीं चलने का प्रतिबंध सिर्फ उस स्थिति में काम नहीं करेगा, जब प्राइवेट ट्रेन में लगातार तीन महीने तक 80 फीसदी से अधिक यात्री रहेंगे।

सूत्रों के अनुसार रेलवे तमाम सुझावों पर ध्यान देगा और उसके बाद 109 जोड़ी रूट्स पर चलने वाली 151 ट्रेनों की तरफ से मिलने वाली बोलियों के आधार पर फैसला लेगा। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि प्राइवेट प्लेयर्स को ट्रेन चलाने के लिए भारी निवेश करना होगा, जो करीब 30 हजार करोड़ रुपये तक होगा। वह खुद ही अपना किराया भी तय करेंगे, जो सामान्य किराए से महंगा होगा, क्योंकि प्राइवेट प्लेयर्स आधुनिक कोच लाएंगे, जिनमें अधिक सुविधाएं भी मिलेंगी। सूत्रों के अनुसार अब सिर्फ ऐसे ही प्लेयर लाइन में हैं, जो लोग गंभीरता से इस बारे में सोच रहे हैं।