कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से 18 फरवरी को देश भर में चार घंटे तक ट्रेनें रोकने का एलान किया गया है। इसको लेकर जीआरपी और आरपीएफ अलर्ट हो गई है। इसके चलते जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। साथ ही आरपीएफ ने मुख्यालय पत्र लिखकर एक बटालियन भी मांगी है। 

रेल पटरी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास तक का प्रावधान होने के बावजूद सख्ती नहीं हो पाती है। इस वजह से रेलवे यात्रियों को परेशान करने व रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला नहीं थम रहा है। इसके चलते दिल्ली-अंबाला और सोनपत-गोहाना-जींद सेक्शन पर आरपीएफ व जीआरपी ने रेलवे ट्रैक की गश्त बढ़ा दी है। इसके साथ जीआरपी व आरपीएफ कर्मियों की छुट्टी भी कर दी गई हैं। 

आरपीएफ थाना प्रभारी पीएन गोस्वामी ने बताया कि रेल रोको आंदोलन के नाम पर या फिर रेल परिचालन में किसी तरह की बाधा डालने वालों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। धारा 174 के तहत रेलवे ट्रैक पर बैठकर या अवरोधक लगाकर, रेल के हौज पाइप से छेड़छाड़ करके या सिग्नल को नुकसान पहुंचाकर ट्रेन परिचालन बाधित करने वालों को दो वर्ष की जेल की सजा या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है।
जीआरपी ने स्टेशन अधीक्षक को पत्र लिखकर ट्रेनों की सूची मांगी 
जीआरपी ने स्टेशन अधीक्षक को पत्र लिखकर दिल्ली-अंबाला रेलवे सेक्शन पर चलने वाले ट्रेनों की सूची मांगी। ताकि समय रहते 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सोनीपत स्टेशन पर आने वाले ट्रेनों को अन्य स्टेशनों पर रोका जा सके। या फिर उनके रूट में बदलाव किया जा सका। 

थाना प्रभारी राजकुमार का कहना है कि दिल्ली-अंबाला रेलवे ट्रैक पर पहले से ही गश्त ज्यादा बढ़ा दी गई है। रेलवे अधिकारियों के साथ सोमवार को आरपीएफ व जीआरपी की मीटिंग होने की संभावना है। जिसमें किसानों के रेल रोको कार्यक्रम का असफल करने के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी।