7th Pay Commission : रेलवे के कर्मचारी संगठन की ओर से काफी समय से रेलवे में अप्रैंटिस कर रहे युवाओं की रेलवे में भर्ती के लिए अलग से एग्जाम कराने की मांग की जा रही है.

रेलवे के कर्मचारी संगठन की ओर से काफी समय से रेलवे में अप्रैंटिस कर रहे युवाओं की रेलवे में भर्ती के लिए अलग से एग्जाम कराने की मांग की जा रही है. इस मांग को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने बड़े आंदोलन का ऐलान किया है.  रेल कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के बैनर तले 12 फरवरी 2021 को रेल कर्मचारी रेलवे के , मंडल रेल प्रबंधक और मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय पर बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. 

ये है कर्मचारियों की मांग This is the demand of employees
नॉर्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के महासचिव अनूप शर्मा ने बताया कि रेलवे में अप्रैंटिस के लिए भर्ती होने वाले युवाओं अप्रैंटिस पूरा करने तक कुल 8 एग्जाम देने होते हैं. अप्रैंटिस में भर्ती भी एग्जाम देकर ही होती है. पहले अप्रैंटिस वाले युवाओं की रेलवे में भर्ती महाप्रबंधक स्तर से की जाती थी. लेकिन कुछ समय पहले अप्रैंटिस वाले युवाओं की भर्ती को RRB और RRC को दे दिया गया और कुल भर्ती में इन्हें 20 फीसदी का कोटा दे दिया गया है. ऐसे में बहुत से युवा अप्रैंटिस करके खाली बैठे हैं. बहुत से ट्रेंड युवा जिनके रेलवे में काम के अनुभव का फायदा रेलवे को मिल सकता है उन्हें रेलवे में अपने भविष्य को लेकर चिंता हो रही है. ऐसे में रेलवे को अप्रैंटिस वाले युवाओं के लिए अलग से परीक्षा करा कर उन्हें भर्ती करना चाहिए. 

केंद्रीय कर्मचारियों ने इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन 
केंद्रीय कर्मचारियों ने 1 फरवरी 2021 को नए लेबर कोड, 7 वें वेतर आयोग की विसंगतियों और महंगाई भत्ते पर रोक लगाए जाने के विरोध में पूरे देश में लंच के दौरान प्रदर्शन किया था. केंद्रीय कर्मचारियों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (JCA) के आवाहन पर नॉर्दने रेलवे के कर्मचारियों ने 01 फरवरी को ध्यानाकर्षण दिवस मनाया था.  

केंद्रीय कर्मचारियों की ये हैं प्रमुख मांगें demands of central employees

  • संसद से पारिए नए चार लेबर कोड में सुधार
  • सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किया जाए
  • MACP से संबंधित समस्याओं को दूर किया जाए
  • नई राष्ट्रीय पेंशन नीति को बदला जाए
  • एक जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ता तुरंत जारी किया जाए
  • निजीकरण बंद किया जाए
  • बजट के पहले कर्मचारियों की ओर से दिए गए सुझाव पर विचार किया जाए

रोक हटेगी तो इतना मिलेगा डीए will get this much DA
 जून 2021 तक केंद्रीय कर्मचारियो के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के तौर पर काफी मोटी रकम मिल सकती है. आप पूछेंगे कैसे? तो ऐसा इसलिए होगा क्‍योंकि केंद्रीय कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी पर फिलहाल रोक चल रही है, लेकिन जब तक यह रोक हटेगी तब उन्‍हें एकसाथ दो साल का फायदा मिलेगा. बता दें कि जनवरी 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों का DA 4% बढ़ा था. इसके बाद दूसरी छमाही में 3% इजाफा हुआ. अब जनवरी 2021 में यह 4% बढ़ा है. इससे यह 28% पर पहुंच गया है.

कैलकुलेशन समझिए Understand calculus
Level 1 Basic pay = 18000 रुपए
15% DA Hike = 2700 रुपए महीना
Yearly hike in DA = 32400 रुपए सालाना

17% DA Payment
7th Pay Commission : AG ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष और सिटिजन्स ब्रदरहुड के अध्यक्ष हरीशंकर तिवारी ने ‘जी बिजनेस’ डिजिटल को बताया कि जून 2021 तक भी DA में और 3-4% का उछाल आने की उम्‍मीद है. इससे जून 2021 में रोक हटने के बाद DA का मीटर बढ़कर 30-32% तक पहुंच जाएगा. फिलवक्‍त DA का पेमेंट 17% के हिसाब से हो रहा है.

32% होगा DA
7th Pay Commission : हरीशंकर तिवारी के मुताबिक जून 2021 तक DA बढ़कर 30 से 32% हो जाएगा. इससे केंद्रीय कर्मचारियों के DA पेमेंट में करीब 15% का उछाल आएगा. केंद्र सरकार इसे हर 6 महीने में Revise करती है. इसका कैलकुलेशन बेसिक पे (Basic Pay) को आधार मानकर प्रतिशत में होता है. अभी कर्मचारियों और पेंशनरों को अलग-अलग DA मिल रहा है.

Corona Mahmari mein DA रुका
7th Pay Commission : Corona mahamari के कारण सरकार ने 1 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2021 तक के लिए महंगाई भत्‍ते में बढ़ोतरी को फ्रीज किया है. साथ ही पेंशनरों की महंगाई राहत (Dearness relief, DR) की रकम भी 1 जुलाई 2021 तक नहीं बढ़ेगी. इस फैसले से सरकार को FY 2021-2022 में कुल 37000 करोड़ रुपये की बचत होगी.

No Arrear of Dearness Allowance
7th Pay Commission : केंद्र सरकार के आदेश में साफ है कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक कोई भी एरियर भी नहीं मिलेगा. जुलाई 2021 में DA और DR को लेकर जो फैसला होगा, जिसे एक-एक कर लागू किया जाएगा.

Emergency में रुका था DA
7th Pay Commission : केंद्र सरकार का आदेश आने के बाद राज्‍यों ने भी अपने यहां कर्मचारियों का DA फ्रीज कर दिया है. हरीशंकर तिवारी ने बताया कि पहले भी आपात स्थिति में महंगाई भत्‍ता रोका गया है. 1975 में इमरजेंसी के समय महंगाई भत्‍ते पर रोक लगी थी लेकिन बाद में उसे रिवाइज करके जारी कर दिया गया था.