इमरजेंसी कंडीशन में अब रेल कर्मचारी या उनके घरवालों को रेलवे अस्पताल के डॉक्टर से रेफर कराने की भाग दौड़ नहीं करनी होगी। ऐसे किसी भी प्रइवेट हॉस्पिटल में जा कर इलाज करा सकेंगे जिनसे रेलवे ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पहले से करार कर रखा है।

इमरजेंसी कंडीशन में अब रेल कर्मचारी या उनके घरवालों को रेलवे अस्पताल के डॉक्टर से रेफर कराने की भाग दौड़ नहीं करनी होगी। ऐसे किसी भी प्रइवेट हॉस्पिटल में जा कर इलाज करा सकेंगे जिनसे रेलवे ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पहले से करार कर रखा है। इसके लिए रेल कर्मचारी नगद पैसे का भी भुगतान नहीं करना होगा। इलाज का खर्च रेलवे उठाएगी। कर्मचारियों को बस संबंधित हॉस्पिटल में रेलवे से जारी उम्मीद कार्ड दिखाना होगा जो उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जारी किया गया है।

उम्मीद कार्ड ही उस रेल कर्मचारी का आइडी भी होगा। रेलवे में काम करने वाले कर्मचारियोंके साथ-साथ वैसे कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्हें भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। रेफर कराने को लेकर होनेवाली परेशानी के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने इस खास सुविधा पर मंजूरी की मुहर लगा दी है। रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ट्रांसफॉर्मेान सेल उमेश बलोंदा ने आदेश भी जारी कर दिया है।  

इन परिस्थितियों में मिलेगा तुरंत इलाज एक्यूट कोरोनरी सिंड्रॉम, कंप्लीट हार्ट ब्लॉक, सिर पर चोट, एकाएक बेहोशी, करंट लगने, एकाएक लकवा, सड़क दुर्घटना, किसी भी कारण से अत्यधिक रक्तस्राव, जहर खा लेने या गर्भवती महिलाओं के लिए आपात स्वास्थ्य सेवा। अगर बिना आपात परिस्थिति वाले मरीज आ गए तो रेलवे ने जो सुविधा देने की घोषणा की है उसका लाभ लेने के लिए अगर ऐसे कर्मचारी भी प्राइवेट हाॅस्पिटल पहुंच जाए जिन्हें इमरजेंसी नहीं थी तो ऐसी परिस्थिति में  मरीज चाहे तो इलाज जारी रह सकता है। पर इसके लिए उन्हें केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जारी इलाज दर या हॉस्पिटल की ओर से तय शुल्क जो कम हो उसे चुकाना होगा।