रेलवे कर्मचारी रोहित शर्मा को परिवार के साथ लखनऊ से मुंबई जाना था। वापसी का रिजर्वेशन उन्होंने ट्रेन 02107 एलटीटी लखनऊ फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन में करवाया। रोहित शर्मा और उनकी पत्नी को तो कंफर्म सीट मिल गई। लेकिन बच्चे वेटिंग लिस्ट में रह गए। चार्ट बन गया लेकिन 76 सीटें खाली होने के बावजूद डीपी (ड्यूटी पास) वेटिंग सीट कंफर्म न हो सकी। देश भर के रेलकर्मियों के लिए इन दिनों फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की एसी क्लास में रिजर्वेशन कराने में इसी तरह की दिक्कत सामने आ रही है। रेलकर्मी और उनकी पत्नी को तो सीटें कंफर्म मिल रही हैं। लेकिन बच्चों को रेलवे सीटें नहीं दे रहा है।

दरअसल फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों में रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए राजधानी और दूरंतो ट्रेनों के नियम लागू किए हैं। सुविधा पास को ड्यूटी पास के रूप में लागू किया गया है। जिसके तहत वेतनमान लेवल छह से 10 वाले रेलकर्मियों को निश्शुल्क यात्रा के लिए मिलने वाले एसी क्लास के ई-सुविधा पास पर एसी सेकेंड में एक और एसी थर्ड में दो सीटें ही आवंटित की जा रही हैं। ऐसे में एक ई-पास जारी कराने के बाद रेलकर्मियों को उसपर केवल दो कंफर्म सीट मिलती है। कोविड-19 के नियमों के तहत ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट टिकट पर यात्रा की अनुमति ही नहीं है।

डीपी वेटिंग को सीटें खाली होने के बावजूद कंफर्म नहीं किया जा सकता है। ऐसे में रेलकर्मियों को बच्चों के लिए दो और सीटों की व्यवस्था उनको एक और ई-पास जारी करवाकर करना पड़ रहा है। ऐसे में एक ही स्टेशन की यात्रा के लिए फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का रिजर्वेशन कराने वाले रेलकर्मी दो सुविधा पास का इस्तेमाल कर रहे हैं। एचआरएमएस एप पर बनने वाले ई-सुविधा पास के साथ रेलकर्मियों को एक और असुविधा हो रही है। उनको अपनी क्लास अपग्रेड होने पर किराए के अंतर देकर यात्रा करने की सुविधा नहीं मिल पा रही है।