कोरोना के बाद 22 मार्च से ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया था। पहली जून से रेलवे कुछ स्पेशल ट्रेनों को चला रहा है। कोरोना से पहले मुरादाबाद के 260 ट्रेनें चलती थींं वर्तमान में 20 से भी कम ट्रेनें चल रहींं हैंं। इन दिनों ट्रेनें काफी कम चल रहीं हैं। ट्रेनों में अपराध भी शून्य हो गया है। इससे जीआरपी के दारोगा से लेकर सिपाही तक के पास काम नहीं है। ऐसे हालात में वे समाजसेवा करेंगे, इसके अलावा यात्रियों को जागरूक करने का भी काम करेंगे। 

कोरोना के बाद 22 मार्च से ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया था। पहली जून से रेलवे कुछ स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। कोरोना से पहले मुरादाबाद में 260 ट्रेनें चलती थींं, वर्तमान में 20 से भी कम ट्रेनें चल रहीं हैं। कोरोना के कारण ट्रेनों में सफर करने के नियम बदल गए हैं। कंफर्म सीट वाले यात्रियों की प्लेटफार्म पर टीटीई और आरपीएफ के जवान जांच करते हैं, तभी उन्‍हें यात्रा की अनुमत‍ि दी जाती है। वहीं यात्री ट्रेन के अंदर आराम से बैठकर सफर करते हैं। इसकी वजह से ट्रेनों में अपराध की घटनाई भी कम हो गईंं हैंं। जून से लेकर दिसंबर तक केवल छह मोबाइल गुम होने या चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गईंं हैंं। कोरोना संक्रमण के पहले चोरी व अन्य प्रकार की घटनाएं प्रत्येक माह 30 से अधिक दर्ज की जाती रहींं हैंं। बाहरी व्यक्ति के आने की अनुमत‍ि नहीं होने से प्लेटफार्म पर सन्नाटा छाया रहता है।

समाजसेवा से जोड़ा जा रहा जीआरपी के दारोगा और सिपाहियों के पास इस समय काम नहीं रह गया है। इसकी वजह से दारोगा और सिपाहियों को समाजसेवा से जोड़ना शुरू कर द‍िया गया है। उनसे ठंड के मौसम में कंबल वितरण कराया जाएगा। जरूरतमंदों की तलाश करने ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। असहायों की सूची तैयार कर कंबल वितरण कराया जा रहा है। महिला दारोगा और सिपाहियों को प्लेटफार्म पर आने वाली ट्रेनों में सफर करने वाली महिला यात्रियों को जागरूक करने के ल‍िए लगाया गया है। मह‍िला यात्रियों को ट्रेन में कोई परेशानी आने पर क्‍या कदम उठाया जाना चाह‍िए इसकी जानकारी दी जा रही है। सुरक्षित यात्रा से संबंधित जानकारी दी जा रही है। पौधारोपण के बारे जागरूक कराया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक रेलवे अपर्णा गुप्ता ने बताया कि इन दिनों दारोगा व सिपाहियों को समाजसेवा में लगाया गया है। यात्रियों व आम जानता को जागरूक कराया जा रहा है।