यूं तो रेलवे बोर्ड के चेरमैन भारत सरकार के एक्स आफिसियो प्रिंसिपल सेक्रेटरी होते हैं। लेकिन वी के यादव के कार्यकाल में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का पद चेयरमैन एंड सीईओ (Chairman & CEO) में बदल दिया गया था। वह 114 साल पुराने रेलवे बोर्ड के पहले सीईओ (CEO) बने थे। शर्मा रेलवे बोर्ड के दूसरे सीईओ बने हैं।

हाइलाइट्स:

  • स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटीस (SCRA) में 1979 बैच के अधिकारी सुनीत शर्मा ने आज रेलवे बोर्ड के चेरमैन एवं सीईओ का कार्यभार संभाल लिया
  • इससे पहले वह पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक (GM/ER) के पद पर आसीन थे
  • पेशे से Mechanical इंजीनियर रहे सुनीत शर्मा एससीआरए में आने से पहले आईआईटी कानपुर में पढ़ रहे थे
  • उन्होंने विनोद कुमार यादव का स्ािान लिया है, जिनका एक साल का सेवा विस्तार कल ही खत्म हुआ

स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटीस (SCRA) में 1979 बैच के अधिकारी सुनीत शर्मा ने आज रेलवे बोर्ड के चेरमैन एवं सीईओ का कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले वह पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक (GM/ER) के पद पर आसीन थे। पेशे से Mechanical Engineer रहे सुनीत शर्मा एससीआरए में आने से पहले आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में पढ़ रहे थे। उन्होंने विनोद कुमार यादव का स्थान लिया है, जिनका एक साल का सेवा विस्तार कल ही खत्म हुआ।

रेलवे बोर्ड के दूसरे सीईओ
यूं तो रेलवे बोर्ड के चेरमैन (CRB) भारत सरकार के एक्स आफिसियो प्रिंसिपल सेक्रेटरी (Ex Officio Principal Secretary) होते हैं। लेकिन, वी के यादव के कार्यकाल में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का पद चेयरमैन एंड सीईओ (Chairman & CEO) में बदल दिया गया था। वह 114 साल पुराने रेलवे बोर्ड (Railway Board) के पहले सीईओ बने थे। शर्मा रेलवे बोर्ड के दूसरे सीईओ बने हैं।

पूर्व रेलवे के थे महाप्रबंधक
यह भी संयोग ही है कि पूर्व रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल इंस्टीच्यूट (IRIMEE) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि हासिल करने वाले शर्मा कालांतर में पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक बने। उनके पास मेट्रो रेलवे, कोलकाता का भी प्रभार था।

करना होगा गंभीर चुनौती का सामना
शर्मा ने रेलवे बोर्ड का मुखिया तब बनाया गया है, जबकि भारतीय रेल गंभीर चुनौत के दौर से गुजर रहा है। इस समय रेलवे की नियमित रेलगाड़ियों का आॅपरेशन बंद हैं और सिर्फ स्पेशल ट्रेन की चल रही हैं। इस समय इसकी आमदनी भी काफी घट गई है जबकि कर्मचारियों का वेतन हर साल बढ़ ही रहा है।