सरकार के हालिया फैसले पर बंधु ने कटाक्ष किया है। कहा है- ये मुख्यमंत्री की ओर से क्रिसमस और नए साल पर दिया गया एक किस्म का तोहफा है। झारखंड में राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को नए साल से पहले झटका लगा है। गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने इन कर्मियों की प्रोन्नति पर तत्काल रोक लगा दी है। यह निर्णय एसटी-एससी विशेष समिति की बैठक में रिव्यू के बाद लिया गया। माना जा रहा है कि राज्य के हजारों सरकारी कर्मचारियों पर इस फैसले से असर पड़ेगा।

कार्मिक विभाग इस कदम को लेकर आदेश भी जारी कर चुका है। सरकार की ओर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त और उपायुक्ति को चिट्ठी भेजकर प्रोन्नति पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिया गया है। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम सोरेन ने मामले से जुड़ी मीटिंग के दौरान समिति के सदस्यों से पूरे डिटेल्स लिए।

हालांकि, सीएम को उस दौरान एक प्रस्ताव भी सौंपा गया, जिसमें सुझाव दिया गया है कि आखिर कैसे अनुसूचित जनजाति और अनसुचित जाति के अफसरों और कर्मचारियों को नियमों के हिसाब से प्रोन्नति दी जा सकती है। मामले की जांच फिलहाल जारी है, इसी के मद्देनजर सरकार ने यह हालिया निर्णय लिया है। दरअसल, विधायक बंधु तिर्की ने श्रम विभाग में एससी-एससी कर्मियों की प्रोन्नति का मसला उठाया था। विस अध्यक्ष ने बाद में जांच के लिए विस की खास कमेटी गठित की, जिसकी लगातार मीटिंग हो रही थीं। वैसे, कमेटी पहले ही कह चुकी थी कि जब तक समस्या हल नहीं हो जाती, तब तक सभी कर्मचारियों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी जानी चाहिए। सरकार के हालिया फैसले पर बंधु ने कटाक्ष किया है। कहा है- ये मुख्यमंत्री की ओर से क्रिसमस और नए साल पर दिया गया एक किस्म का तोहफा है। हालांकि, विशेष समिति की रिपोर्ट के रिव्यू के बाद लगी यह रोक हट सकती है।