ड्यूटी के दौरान मालगाड़ी के गार्ड की मौत होने पर सभी गार्डों में नाराजगी है। गार्ड रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। इसके व‍िरोध में उन्‍होंने आवाज बुलंद की। रेलवे स्टेशन पर मुंह पर काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया। स्टेशन पर शोकसभा का आयोजन किया और मौन रख कर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

गार्डों का कहना था कि रेलवे प्रशासन अधिक से अधिक मालगाड़ी चलाने के फेर में गार्ड को आराम करने का समय नहीं देता है। इसके कारण ड्यूटी के दौरान गार्ड बीमार होने लगे हैं। इसी कारण से रविवार को गार्ड चमनलाल की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि गार्ड ने ट्रेन संचालन रिकार्ड में अंतिम बार गढ़मुक्तेश्वर से मालगाड़ी गुजरने की रिपोर्ट अंकित की। गढ़मुक्तेश्वर से गाजियाबाद तक 10 स्टेशन हैं। किसी स्टेशन मास्टर ने नियम के अनुसार गार्ड को सिग्नल दिखाने का काम नहीं किया। अगर यहां काम किया होता तो दूसरे स्टेशन पर ही मालगाड़ी को रोक दिया जाता है और बेहोश गार्ड को इलाज के लिए अस्पताल भेजा जाता। उन्होंने कहा कि रेलवे का नियम है कि नियमित ड्यूटी करने वाले गार्ड को माह में आराम करने के लिए चार द‍िन की छुट्टी दी जानी चाहिए। रेलवे प्रशासन अधिक से अधिक मालगाड़ी चलाने के लिए गार्ड को छुट्टी नहीं दे रहा है। इससे गार्ड बीमार हो रहे हैं।

नरमू के स्टेशन शाखा के सचिव आइवन एडीसन ने कहा कि इस मामले को लेकर रेलवे अधिकारियों से वार्ता करेंगे और पूरे मामले की जांच कराने और दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।