पूर्वोत्तर रेलवे के 1800 ग्रेड पे पर तैनात ट्रैकमैनों और सफाइकर्मियों के लिए राहतभरी खबर है। तैनाती के बाद से लगातार रेल लाइनों, स्टेशनों, कालोनियों और दफ्तरों में कार्य करने वाले ट्रैकमैनों और सफाइकर्मियों को अन्य विभागों में दूसरा कार्य करने का मौका मिलेगा। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) और नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे (एनएफआइआर) की पहल पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने पदोन्नति नहीं पाने वाले ऐसे 10 फीसद कर्मचारियों का विभाग परिवर्तन शुरू कर दिया है।

 पदोन्नति नहीं पाने वाले 1800 ग्रेड पर कार्य करने वाले 10 फीसद कर्मियों को मिलेगा मौका इस व्यवस्था के तहत लखनऊ मंडल ने 54 में से 27 ट्रैकमैनों का विभाग बदल दिया है। अब यह ट्रैकमैन वाणिज्य और विद्युत विभाग में कार्य करेंगे। वाराणसी मंडल में भी यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वाराणसी मंडल प्रशासन ने 47 ट्रैकमैनों को दूसरे विभागों में भेजने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इज्जतनगर मंडल में भी यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तीनों मंडल में ट्रैकमैनों के अलावा सफाईकर्मियों का भी विभाग बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दरअसल, चतुर्थ श्रेणी में तैनात ट्रैकमैनों और सफाईकर्मियों को समय से पदोन्नति नहीं मिल पाती। अधिकतर रेलकर्मी रेल लाइन की निगरानी और सफाई करते-करते सेवानिवृत्त हो जाते हैं।

एआइआरएफ व एनएफआइआर की पहल पर पूर्वोत्तर रेलवे में शुरू हुआ विभाग परिवर्तन इन कर्मचारियों के लिए रेलवे बोर्ड ने सहूलियत प्रदान करते हुए दूसरे विभागों में भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्त के अनुसार रेलवे बोर्ड के दिशा निर्देश के बाद भी पूर्वोत्तर रेलवे में कर्मचारियों को इंटेक कोटा का लाभ नहीं मिल रहा था। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा है कि एआइआरएफ ने मामले को रेल मंत्रालय और बोर्ड के सामने रखा था। देर से ही सही रेलवे प्रशासन ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सुध ली है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के महामंत्री विनोद कुमार राय और ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार ने इंटेक कोटा के 10 फीसद ट्रैकमैनों को दूसरे विभागों में भेजने की प्रक्रिया शुरू करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। पदाधिकारियों ने कहा है कि लगातार संघर्ष के बाद कर्मचारियों को जीत मिली है।