केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते (डीए) के बढने का इंतजार है. जहां जून 2021 के बाद केंद्र सरकार महंगाई भत्ते (डीए) पर राहत दे सकती है वहीं इसको लेकर कुछ फर्जी खबरें भी चल रहीं हैं. इसी बीच दिल्ली सरकार ने श्रमिकों को बड़ी खुशखबरी दी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अकुशल, अर्द्धकुशल और अन्य श्रमिकों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का आदेश दिया है.

क्या किया जा रहा है दावा : सोशल मीडिया पर डीए को लेकर एक फर्जी दावा किया जा रहा है जिसको लेकर सरकार ने अहम जानकारी साझा की है. एक वायरल मैसेज (मॉर्फ्ड तस्‍वीर) में दावा किया जा रहा है कि सरकार की ओर से डीए में 24 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी गई है. यही नहीं इसमें दावा किया जा रहा है कि इस साल अप्रैल में इसपर लगाई रोक को भी हटाने का काम केंद्र सरकार की ओर से किया गया है. सरकारी फैक्ट चेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने इसकी जांच की है और ट्वीट के जरिए कुछ जानकारी साझा की है. पीआईबी के ट्वीट में कहा गया है कि एक फर्जी तस्वीर के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई भत्ते पर से रोक हटा दी है और 24% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. यह दावा पूरी तरह से फर्जी है जो सोशल मीडिया पर चल रहा है.

केंद्र सरकार का फैसला : आपको बता दें कि कोरोना संकट के कारण इस साल अप्रैल में केंद्र सरकार ने डीए की पुरानी दर को लागू किया था. इस फैसले के बाद कर्मचारियों और पेंशनर्स को 17 फीसदी की दर से ही डीए का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है. वर्तमान वक्त में डीए की दर 21 फीसदी है. अप्रैल में लिए गए इस फैसले में ना सिर्फ 2020 बल्कि जनवरी 2021 में होने वाली बढ़ोत्तरी पर भी पाबंदी लगाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है. सरकार की मानें तो महंगाई भत्ते पर 1 जुलाई 2021 के बाद ही फैसला लिया जाएगा. यदि सरकार राहत भरा फैसला लेती है तो कर्मचारियों को सैलरी बढ़कर मिलेगी और पेंशनर्स का पेंशन भी बढेगा.

दिल्ली सरकार ने दी खुशखबरी : इधर , दिल्ली सरकार ने श्रमिकों को बड़ी खुशखबरी देने का काम किया है. साल के अंत में दिल्ली सरकार का यह तोहफा श्रमिकों को दिया जा सकता है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अकुशल,अर्द्धकुशल और अन्य श्रमिकों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का आदेश दिया है. दिल्ली के उप मुख्यमंमंत्री मनीष सिसोदियों ने कहा है कि मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने यह फैसला लिया है.