एक सरकारी बयान में बताया गया कि संशोधित न्यूनत दिहाड़ी (इसमें डीए भी शामिल) Unskilled, Semi-Skilled and Skilled श्रेणियों के लिए होगी। यह एक अक्टूबर, 2020 से प्रभाव में आएगी।

वैश्विक महामारी Coronavirus ने सबको तगड़ा झटका दिया। खासकर आर्थिक मोर्चे पर। आम से लेकर खास हो या फिर निजी क्षेत्र से लेकर प्राइवेट से जुड़े। सब पर असर पड़ा है। इसी संकट के बीच, उन दिल्ली सरकार के उन कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है, जो लंबे समय से अपने Dearness Allowance (DA) में इजाफे की आस लगाए बैठे हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP सरकार ने अपने कर्मचारियों का डीए बढ़ाने का फैसला लिया है।

अब Unskilled, Semi-Skilled, Skilled और अन्य श्रेणी में आने वाले कर्मचारियों को सिफारिशों के हिसाब से DA मिलेगा। चार दिसंबर को इस बारे में जानकारी देते हुए राजधानी के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोरोना वायरस संकट काल के दौरान सरकारी कर्मचारियों को समय से तनख्वाह मिले। बता दें कि दिल्ली का श्रम विभाग का प्रभार भी सिसोदिया के ही पास है।

जानकारी के मुताबिक, Unskilled Workers के लिए मासिक वेतन 15,492 रुपए (596 रुपए एक दिन का), Semi-Skilled Workers के लिए 17,069 रुपए (657 रुपए प्रतिदिन) और Skilled Workers के लिए 18,797 रुपए मासिक (एक दिन के लिए 723 रुपए) तय किया गया है।

एक सरकारी बयान में बताया गया कि संशोधित न्यूनत दिहाड़ी (इसमें डीए भी शामिल) Unskilled, Semi-Skilled and Skilled श्रेणियों के लिए होगी। यह एक अक्टूबर, 2020 से प्रभाव में आएगी।

वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि क्लरिकल और सुपरवाइजरी स्टाफ के कर्मचारियों के लिए मिनिमम वेज के रेट्स भी सरकार ने बढ़ा दिए हैं। बता दें कि डीए हर साल में दो बार संशोधित किया जाता है। एक बार अप्रैल में, जबकि दूसरी बार अक्टूबर में। हालांकि, इस बार सरकार ने अपने कर्मचारियों को डीए पुराने रेट पर ही दिया, क्योंकि कोरोना वायरस संकट दस्तक दे चुका था। सरकारी खजाने पर असर पड़ता, इस लिहाज से नई दरों के हिसाब से पहले डीए नहीं बढ़ाया गया था।