केंद्र सरकार मनमानी करने के लिए रेलवे यूनियनों को कमजोर करने के साथ कर्मचारियों की एकता तोड़ने का प्रयास कर रही है। यह बात वाराणसी में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कही। वह मंगलवार को शहर में थे और उन्होंने कैंट स्थित एनआरएमयू के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत की। 

उन्होंने बताया कि साजिश के तहत यूनियन चुनाव में मस्टररोल से 51 फीसदी समर्थन पाने की अनिवार्यता रख दी गई है। जबकि मतदान 70 फीसदी के आसपास होता है। ऐसे में न कोई यूनियन निर्धारित समर्थन पायेगी, ना सरकार उसे मान्यता देगी। देश के बड़े पूंजीपति यूनियन और श्रम संगठनों को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं। इस साजिश को नाकाम करने के लिए रेलवे हर कर्मचारी को मतदान करना होगा और किसी भी यूनियन को 51 फीसदी का समर्थन देना होगा। उन्होंन कहा कि अगर सरकार मनमानी करती है तो रेल चक्काजाम का आह्वान तय है।

उधर कार्यालय में नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन वाराणसी और बीएलडब्लू मेंस यूनियन के कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि रेलवे में छह लाख नौजवान नौकरी कर रहे हैं, जिनका भविष्य अधर में है। नई पेंशन योजना से उनका सामाजिक अधिकार और भविष्य अंधकार में है। नौजवान कर्मचारियों से अपील की कि संगठित होकर एक मंच से आंदोलन को गति देने की जरूरत है। कहा कि बरेका समेत अन्य रेल कारखानों का निगमीकरण किया जा रहा है।

इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। कार्यक्रम में लखनऊ मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह, सहायक मंडल मंत्री एसके सिंह, शाखा सचिव सुनील कुमार सिंह, डीके सिंह, राजकुमार, राजेश्वर शुक्ला, सुभाष गौतम, डीपी सिंह, अखिलेश पांडेय, प्रमोद कुमार, अशोक राय, तफ्जील अहमद, पवन उपाध्याय, बलवंत गुप्ता मौजूद रहे।