नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) रेल मंत्रालय के तहत आने वाली राइट्स रेलवे की उत्पादन इकाइयों को कंपनियों में बदलने के लिए एक विस्तृत रपट तैयार करेगी। इन रपटों पर श्रमिक संगठनों के साथ अगले साल अप्रैल-जून के दौरान चर्चा की जाएगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी वी.के. यादव ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारतीय रेल से जुड़े विभिन्न श्रमिक एवं कर्मचारी संगठन रेलवे की उत्पादन इकाइयों को कॉरपोरेट कंपनियों में बदलने के निर्णय का जोरदार विरोध कर चुके हैं। उनकी चिंता इससे नौकरियों की छंटनी को लेकर है।

रेल मंत्रालय के तहत आने वाली राइट्स रेलवे की उत्पादन इकाइयों को कंपनियों में बदलने के लिए एक विस्तृत रपट तैयार करेगी। इन रपटों पर श्रमिक संगठनों के साथ अगले साल अप्रैल-जून के दौरान चर्चा की जाएगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी वी.के. यादव ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारतीय रेल से जुड़े विभिन्न श्रमिक एवं कर्मचारी संगठन रेलवे की उत्पादन इकाइयों को कॉरपोरेट कंपनियों में बदलने के निर्णय का जोरदार विरोध कर चुके हैं। उनकी चिंता इससे नौकरियों की छंटनी को लेकर है। यादव ने एक प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘ रेलवे की उत्पादन इकाइयों को कंपनियों में बदलने के लिए राइट्स विस्तृत रपट तैयार करेगी। एक बार यह तैयार हो जाए फिर इस बारे में श्रमिक संगठनों से बातचीत की जाएगी।

फिर देखते हैं कि हम रेलवे कर्मचारियों के पर्याप्त हितों का ध्यान रखते हुए हम इसे कितना आगे ले जा पाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि संगठनों के साथ दो से तीन महीने अगले साल अप्रैल-जून के बीच बातचीत की जाएगी। यादव ने कहा कि श्रमिक संगठनों और कर्मचारियों के साथ बातचीत के बाद इस विचार पर आगे बढ़ाया जाएगा। रेलवे की चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स, इंटीग्रल कोच फैक्टरी, डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, डीजल मॉर्डनाइजेशन वर्क्स, व्हील एंड एक्सेल संयंत्र, रेल पहिया संयंत्र, रेल कोच कारखाना और मॉर्डन कोच फैक्टरी को कंपनी में बदलने की योजना है।