कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने अपने कर्मचारियों को क्वार्टर खाली करने के लिए एक महीने की मोहलत दी है। पहले कर्मचारियों को पहले 30 नवंबर तक क्वार्टर खाली करने के आदेश जारी किए गए थे। अब यह मियाद बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी गई है। रेलवे क्वार्टरों को लेकर रेलवे बोर्ड लगातार सख्ती बरत रहा है। पहले जहां बोर्ड के पास शिकायत पहुंच रही थी कि कुछ रेलवे कर्मचारी मुनाफे के चक्कर में क्वार्टर बाहरी लोगों को किराए पर दे रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश मंडल प्रबंधकों को दिए गए।

हालात सुधरते ही अब बोर्ड ने रेलवे क्वार्टरों को लेकर नया फरमान जारी किया है। ये आदेश अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में है। 28 नवंबर को जारी आदेशों में बोर्ड ने बताया कि जिन कर्मचारियों को 17 मार्च से 30 नवंबर तक अपने क्वार्टर खाली करने थे अब उन्हें एक महीने की मोहलत देते हुए 31 दिसंबर तक क्वार्टर खाली करने के निर्देश दिए जाते हैं। बोर्ड अधिकारी अनित गौतम द्वारा हस्ताक्षरित आदेशों में इस बात का भी जिक्र किया गया है। रेलवे कर्मचारियों और यूनियन की तरफ से लगातार प्रार्थना पत्र प्राप्त हो रहे थे कि कोरोना काल के दौरान ट्रांसफर या अन्य किसी कारणवश एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होना काफी मुश्किल है। सबसे ज्यादा परेशानी रिहायश को लेकर आती है। इसी वजह से बोर्ड ने कर्मचारियों को राहत देने का फैसला किया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि 31 दिसंबर के बाद कर्मचारियों को किसी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी। 1 जनवरी के बाद रेलवे क्वार्टर पर कब्जा माना जाएगा और संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


पहले भी किया जारी किया था नियम
उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन मंडल सचिव यादराम उपाध्याय ने बताया कि ट्रांसफर होने पर रेलवे कर्मचारी को सरकारी क्वार्टर छोड़ने के लिए 2 माह का समय दिया जाएगा। 2 महीने तक सामान्य लाइसेंस फीस ली जाएगी और फिर अगले 6 महीने तक दोगुनी फीस वसूली जाएगी। इसके बाद कर्मचारी को क्वार्टर छोड़ना ही होगा। कर्मचारी के बच्चे का स्कूल या कॉलेज में शैक्षिक सत्र चल रहा है तो कर्मी को सामान्य लाइसेंस फीस पर सत्र खत्म होने तक क्वार्टर में रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी। शैक्षिक सत्र खत्म होते ही 15 दिनों के अंदर क्वार्टर खाली करना होगा। इससे पहले ट्रांसफर के 2 महीने और इसके बाद डबल फीस पर अधिकतम 2 महीने तक ही रेलवे क्वार्टर में रुकने प्रावधान था।