डीजल और विद्युत रनिग कैडर व उनके पर्यवेक्षकों के कैडर का विलय होगा। धनबाद रेल मंडल में एक जनवरी 2021 से इसे लागू किया जाएगा। कैडर विलय के दौरान इसका ख्याल रखा जाएगा कि विलय की प्रक्रिया से किसी भी कर्मचारी के हितों की हानि न हो। जिन कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है। उन्हें मौजूदा कैडर में पहले पदोन्नति दे दी जाएगी और तब विलय किया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न रोस्टर के औसत का भी ख्याल रखा जाए। सभी की वरीयता रेल प्रशासन से निर्धारित नियमों के अनुसार तय की जाएगी। कैडर विलय का कट ऑफ डेट निर्धारित होगा।

विलय की सूची जारी होने के बाद किसी भी कर्मचारी को शिकायत पेश करने के लिए भी एक निश्चित तिथि निर्धारित की जाएगी। इसे लेकर शुक्रवार को वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी जयप्रकाश सिंह के साथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन पदाधिकारियों की बैठक हुई। रेल प्रशासन की ओर से विभिन्न पदों की पदोन्नति के कार्यालय आदेशों के अवलोकन और विभिन्न तथ्यों पर विस्तृत चर्चा के बाद विलय को लागू करने के लिए एक जनवरी 2021 को कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया । बैठक में वरीय मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) धनबाद हरिशंकर प्रसाद, सहायक कार्मिक अधिकारी त्रिलोकी नाथ वर्मा एवं यूनियन के अपर महामंत्री जियाउद्दीन, सहायक महामंत्री ओमप्रकाश, केन्द्रीय संगठन मंत्री पीके मिश्रा मौजूद थे।

डीजीएमएस का होगा आधुनिकीकरण: खान सुरक्षा महानिदेशालय डीजीएमएस का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके आधुनिकीकरण के लिए एक कमेटी पहले ही बनाई जा चुकी है। इसका आधुनिकीकरण कैसे किया जाए और क्या किया जाए उसके सभी बिदुओं पर गौर कर सरकार को रिपोर्ट सौंपनी है। शुक्रवार को इस कमेटी की पहली बैठक हुई। इस वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष व कोल इंडिया के पूर्व सीएमडी एके झा ने की। उन्होंने बताया कि कमेटी की बैठक में सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं। फिलहाल हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।

सभी सदस्यों के सुझावों को लिपिबद्ध करने के बाद उसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और श्रम मंत्रालय के हवाले की जाएगी। शुक्रवार को हुई बैठक में कमेटी के सदस्य सचिव व श्रम निदेशक महेंद्र कुमार भी वर्चुअली मौजूद थे। उनके अलावा सदस्यों में सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, डीजीएमएस के पूर्व डीजी मनिद्र सत्यमूर्ति, रिजनल कंट्रोलर ऑफ माइंस नागपुर योगेश काले, ओएनजीसी के सीजीएम अमित कुमार, टाटा कोलियरी के जीएम पंकज सतीजा, वेदांता के राजेंद्र प्रसाद दसेरा, सिफर के डॉ. गौतम बनर्जी व आइआइटी खरगपुर के डॉ. गौतम साहा मौजूद थे।