कोरोना काल में पिछले सात महीने से रेलवे का परिचालन पूरी तरह ठप है। हालांकि अभी स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन सामान्य परिचालन पर पूरी तरह रोक लगी है। इससे रेलवे के रेवेन्यू को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में रेलवे अपनी कमाई बढ़ाने के लिए नए-नए तरीकों पर विचार कर रही है।

रेलवे अब प्लैटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ाकर रेवेन्यू बढ़ाने की तैयारी कर रही है। रेलवे देश के चुनिंदा स्टेशनों पर प्लैटफॉर्म टिकट का रेट दोगुना करने पर विचार कर रही है। अभी टिकट का रेट 10 रुपये है जिसे बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया जाएगा। इसके अलावा यूजर्स डिवेलपमेंट फीस यानी UDF स्कीम को भी लागू करने की तैयारी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 121 स्टेशनों पर नवंबर के महीने में यूडीएफ लागू की जा सकती है। ऐसे में इन स्टेशनों के लिए टिकट का रेट बढ़ जाएगा।

प्राइवेट कंपनियों के हाथों में ऑपरेशनल काम रेलवे प्राइवेट कंपनियों की मदद से बहुत तेजी से री-डिवेलपमेंट का काम कर रही है। दर्जनों ऐसे स्टेशन हैं जो प्राइवेट कंपनियों की मदद से नए सिरे से तैयार किए जा रहे हैं। वहां की साफ-सफाई, रेनोवेशन, खूबसूरती, मेंटिनेंस, विकास का काम प्राइवेट कंपनियां कर रही हैं। बिडिंग डॉक्युमेंट में यूजर्स फीस महत्वपूर्ण बिंदु है।

प्लैटफॉर्म टिकट 10 से 20 रुपये वर्तमान में प्लैटफॉर्म टिकट 10 रुपये है, जिसे 20 रुपये किया जाएगा। दर्जनों स्टेशन प्राइवेट कंपनियों के साथ करार की अलग-अलग स्थितियों में हैं। नागपुर, नेल्लोर, पुडुचेरी, देहरादून, ग्वालियर ऐसे स्टेशन हैं, जहां यूजर्स फीस को प्रस्ताव में शामिल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इन स्टेशनों के लिए ट्रेन टिकट का किराया भी बढ़ जाएगा।

50 हजार करोड़ का भारी-भरकम निवेश स्टेशन री-डिवेलपमेंट के काम में प्राइवेट कंपनियां आने वाले दिनों में 50 हजार करोड़ का भारी-भरकम निवेश करेंगी। रेलवे यूजर्स फीस को लेकर स्कीम पर आगे बढ़ना चाहती है। इससे निवेश आकर्षित करना आसान होगा। यूजर्स फीस को लेकर उसे कैबिनेट की मंजूरी चाहिए होगी। यह फीस 10 रुपये से 35 रुपये तक हो सकती है। शुरुआत में इसे 121 स्टेशनों पर लागू किया जाएगा और धीरे-धीरे अलग-अलग चरणों में इसे दूसरे स्टेशनों पर भी लागू किया जाएगा।

यूजर्स चार्ज नहीं लगने का दिया था भरोसा सितंबर के महीने में रेलवे बोर्ड के सीईओ वीके यादव ने कहा था कि रेलवे किसी भी स्टेशन पर यूजर्स चार्ज को लागू नहीं करेगी, लेकिन कोरोन काल में रेलवे की हालत पतली हो गई है। ऐसे में विकास काम के लिए उसे फंड की जरूरत है। माना जा रहा है कि यूजर्स चार्ज एसी और स्लीपर क्लास के लिए अलग-अलग होंगे।