रेलवे में बोनस का मामला अभी शांत हुआ है कि रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता की मांग जोर पकड़ने लगी है। रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता बंद होने और जुलाई 2017 से रिकवरी करने की घोषणा पर रेलकर्मी भड़क उठे हैं। इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन (आइआरटीसीएसओ) ने आंदोलन की चेतावनी दी है। आर्गनाइजेशन का कहना है कि रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता भी बोनस की तरह एक बड़ा मुद्दा है। इससे कर्मचारियों को हर माह नुकसान होगा।  अगर रेलवे बोर्ड ने अपने फरमान को वापस नहीं लिया तो संबंधित कर्मचारी रात्रिकालीन ड्यूटी भी नहीं करेंगे।

रात्रिकालीन भत्‍ता रोकने से नाराज हैं कर्मचारी आर्गनाइजेशन के क्षेत्रीय संरक्षक टीएन पांडेय व महामंत्री रमेश् चंद्र मिश्रा के अनुसार वर्तमान में रेलवे बोर्ड ने 43600 बेसिक और उससे उपर वेतन पाने वाले रेलकर्मियों का रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता अक्टूबर से रोकने का फरमान जारी कर दिया है। आने वाले दिनों में इससे कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों का भत्ता रोक देगा। संगठन रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता नहीं तो रात्रिकालीन ड्यूटी नहीं के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। भारतीय रेलवे स्तर पर पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन और कोर्ट में जाने की रूपरेखा तैयार हो रही है। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड के इस निर्णय से टिकट चेकिंग स्टाफ ही नहीं लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर और रेल लाइनों पर कार्य करने वाले ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन और गेटमैन भी प्रभावित होंगे। रेलवे बोर्ड का कहना है कि सातवें वेतन आयोग में जुलाई 2017 से रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता को बंद करने की सिफारिश की गई है, जबकि ऐसा नहीं है। बोर्ड कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रहा है। पदाधिकारियों ने अन्य कर्मचारी संगठनों से भी इस लड़ाई में आगे आने का आह्वान किया है। साथ ही रेलवे बोर्ड से निर्देश को वापस लेने या 43600 बेसिक के ऊपर के कर्मचारियों को दिन में समायोजित करने की मांग की है।

रात 10 से सुबह 6 बजे तक मानी जाती है रात्रिकालीन ड्यूटी रेलवे में रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रेलकर्मियों की रात्रिकालीन ड्यूटी मानी जाती है। इस दौरान कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त प्रति घंटे के हिसाब से 90 रुपये रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता दिया जाता है। भत्ता के लिए छह घंटे को एक घंटे माना जाता है। ऐसे में रात के समय ड्यूटी करने वाले कर्मचारी का करीब 100 रुपये भत्ता बनता है।