चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा होते ही कर्मचारी संगठनों का उत्साह बढ़ गया है। नरमू पीआरकेएस पीआरएसएस और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन तथा एनई रेलवे मेंस कांग्रेस ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है।

आखिरकार, रेलवे बोर्ड ने कर्मचारी संगठनों की मान्यता के लिए होने वाले चुनाव (गुप्त मतदान) का बिगुल फूंक दिया। हर हाल में 27 अक्टूबर तक मतदाता सूची जारी हो जाएगी। तीन नंबर को कर्मचारियों से प्रत्यावेदन मांगा गया है। 5 नवंबर को अंतिम सूची जारी कर रेलवे प्रशासन चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगा। दिसंबर में कभी भी चुनाव हो सकता है।

रेलवे के निर्णय से संगठनों के पदाधिकारी प्रसन्‍न चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा होते ही कर्मचारी संगठनों का उत्साह बढ़ गया है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू), पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस), पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ (पीआरएसएस) और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन तथा एनई रेलवे मेंस कांग्रेस ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के संयुक्त महामंत्री व प्रवक्ता एके सिंह के अनुसार संघ 2019 से ही चुनाव की प्रतीक्षा कर रहा है। रेलवे बोर्ड देर से ही सही चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संघ रेलवे के इस निर्णय का स्वागत करता है। नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे (एनएफआइआर) के महामंत्री डा. एम राघवैया पिछले साल से ही चुनाव कराने को लेकर रेलवे बोर्ड पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। उन्होंने पूर्वोग्त्तर रेलवे प्रशासन से समय से मतदाता सूची जारी करने की मांग की है। दरअसल, कर्मचारी संगठनों की मान्यता के लिए पिछले साल ही चुनाव होना था। किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया।

प्रत्येक छह साल पर होता है चुनाव, मिलती हैं अतिरिक्त सुविधाएं भारतीय रेलवे स्तर पर कर्मचारी संगठनों की मान्यता के  लिए प्रत्येक छह साल पर चुनाव (गुप्त मतदान) होता है। इसके पहले मई 2013 में चुनाव हुआ था। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने जीत हासिल कर रेलवे बोर्ड और पूर्वोत्तर रेलवे जोन से मान्यता प्राप्त की थी। मान्यता प्राप्त करने वाला कर्मचारी संगठन रेलवे बोर्ड और प्रशासन के साथ स्थाई वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक करने का अधिकारी होता है।