दुर्गा पूजा में रेल इंजन कारखाना के कर्मवीर रेल कर्मियों के बोनस भुगतान का मामला अटक सा गया था। कोविड-19 को लेकर रेल मंत्रालय द्वारा बोनस नहीं दिए जाने से आक्रोशित कर्मचारी एवं मेंस यूनियन नेताओं ने इसके खिलाफ संघर्ष प्रारंभ कर दिया। रेल कर्मचारियों और यूनियन नेताओं के संघर्ष के आगे आखिरकार रेल मंत्रालय को झुकना पड़ा। रेल मंत्रालय ने 78 दिनों के बोनस देने की घोषणा कर दी। इधर रेल मंत्रालय द्वारा जैसे ही बोनस की घोषणा हुई तो रेल इंजन कारखाने के कर्मचारियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। यूनियन के केंद्रीय उपाध्यक्ष सत्यजीत कुमार एवं कारखाना शाखा अध्यक्ष विश्वजीत, सचिव मनोज कुमार ने बताया कि बोनस भुगतान को लेकर लगातार एआइआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा सरकार एवं रेल मंत्रालय पर दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं महामंत्री के आह््वान पर पूरे देश में जब बोनस को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू हुआ, तो मंत्रालय को आखिरकार बोनस भुगतान के लिए मजबूर होना पड़ा। शाखा सचिव मनोज कुमार ने बताया कि बोनस भुगतान कर्मचारियों के संघर्ष का नतीजा है। मंत्रालय के निर्देश पर कारखाने में बोनस भुगतान को लेकर प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। एक से दो दिन के अंदर रेल कर्मियों के बीच बोनस भुगतान किया जाएगा। उन्होंने काम. शिव गोपाल मिश्र का धन्यवाद किया और कहा की सही समय पर संघर्ष नहीं करते तो बोनस सदा के लिए इतिहास हो जाता।

रेलवे ने गुरुवार को कहा कि उसके करीब 11.58 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस (Railway Bonus) देने की मंजूरी दी गई है। रेल कर्मचारियों का बोनस कुल 2081.68 करोड़ रुपये अनुमानित है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को हुई बैठक में रेल मंत्रालय के 2019-20 के लिये अपने सभी पात्र गैर-राजपत्रित कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मचारियों को छोड़कर) को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

रेलवे के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को 78 दिन का उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) दिये जाने से 2,081.68 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है। बोनस के लिए पात्र गैर-राजपत्रित रेल कर्मचारियों के लिए वेतन आकलन सीमा 7,000 रुपये प्रति महीना तय की गई है। रेल मंत्रालय के बयान के अनुसार इसके तहत पात्र रेल कर्मचारी को 78 दिन के लिए अधिकतम 17,951 रुपये बोनस मिलेगा। इस निर्णय से रेलवे के करीब 11.58 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को लाभ होगा।

रेलवे के उत्पादकता आधारित बोनस में सभी गैर-राजपत्रित कर्मचारी (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मचारियों को छोड़कर) शामिल हैं। रेल कर्मियों को हर साल पीएलबी दुर्गा पूजा/दशहरा से पहले मिलता है। बयान के अनुसार, ”मंत्रिमंडल के निर्णय के तहत… 2019-20 के लिए 78 दिनों का वेतन बोनस के रूप में दिया जाएगा। इससे उम्मीद है कि कर्मचारी रेलवे के प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए प्रेरित होंगे।”

रेलवे ने कहा, ”पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी हर साल दुर्गा पूजा/दशहरा से पहले मिलता है। इस वर्ष भी मंत्रिमंडल के निर्णय को इस साल के दुर्गा पूजा..दशहरा अवकाश से पहले क्रियान्वित किया जाएगा।”