रेलवे कर्मचारी संघ ने साफ कर दिया है कि 20 अक्तूबर तक अगर बोनस नहीं दिया जाता है तो वे ‘सीधी कार्रवाई करेंगे’। ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (एआईआपएफ) की स्थायी समिति की वर्चुअल बैठक कर यह फैसला लिया है। एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रेलवे के कर्मचारियों ने सातों दिन चौबीस घंटे काम किया, लेकिन सरकार उनकी जायज मांग को नजरअंदाज कर रही है।

बीस तारीख तक अगर बोनस जारी करने संबंधी आदेश नहीं दिया जाता है तो 22 अक्तूबर से सीधी कार्रवाई की जाएगी। मिश्रा ने दावा किया कि बोनस संबंधी फाइल रेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को भेज दी है, वह इसे आगे नहीं बढ़ा रहा है और इस संदर्भ में उसका अलग ही नजरिया है।
मिश्रा ने बताया कि पहले दुर्गा पूजा से पहले भुगतान कर दिया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है अशांति है। बैठक के दौरान श्रमिक विरोधी नीतियों में भी नाराजगी जताने के साथ ही रेलवे के निजीकरण पर  भी चर्चा हुई।

फैडरेशन की स्टैंडिग कमेटी की आज आयोजित वचुर्अल बैठक में बोनस के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा गया है जिसमें यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा 20 अक्टूबर को देश भर में बोनस दिवस मनाते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में बोनस, निजीकरण, निगमीकरण, पुरानी पेंशन की बहाली, डीए, नाइट ड्यूटी एलाउंस, एक्ट अप्रैंटिस के समायोजन, सैल्यूट और मान्यता के चुनाव समेत तमाम मुद्दों पर चचार् हुई। फैडरेशन के अध्यक्ष कॉमरेड रखाल दास गुप्ता के अस्वस्थ होने की वजह से कार्यकारी अध्यक्ष एन कन्हैया ने मीटिंग की अध्यक्षता की।

महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने बताया कि इन मुद्दों पर लगातार रेलमंत्री, बोर्ड के सीईओ समेत सरकार के विभिन्न मंत्रियों और सचिवों से बात हो रही है। बातचीत में तो हर मंत्री और अफसर फैडरेशन की मांग का समर्थन करते है, लेकिन आदेश जारी नहीं हो रहा है, इससे कर्मचारियों  में भारी आक्रोश है।