कंबल नहीं देने पर रनिंग रूम्स में तापमान को परिस्थितियों के अनुसार मेंटेन किया जाएगा

रेलवे अब यात्रियों को अपने रनिंग और रिटायरिंग रूम्स में कंबल और चादर का उपयोग बंद करने जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने यह निर्णय किया है।जल्द ही देशभर में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में उत्तर पश्चिम रेलवे समेत सभी जोनल ऑफिस से कहा है कि वे अपने-अपने रेल मंडलों में बने रनिंग रूम्स में इसी महीने से यह व्यवस्था लागू करे। लिनेन नहीं देने की स्थिति में कमरों के अंदर के तापमान को वातावरण की परिस्थितियों के अनुसार मेंटेन किया जाएगा।

स्टाफ का तकिया-चादर को राज सैनेटाइज किया जाएगा
विंटर सीजन के पहले कमरों के दरवाजों और विंडो को एयर टाइट भी किया जाएगा, जिससे वातावरण को मेंटेन करने में समस्या न हो। वहीं, रनिंग रूम्स में स्टाफ द्वारा उपयोग किए जाने वाले तकिया कवर और चादर आदि का सैनिटाइजेशन हर दिन किया जाएगा।

साथ ही उनके रवाना होने के बाद उपयोग किए गए कवर व चादर की धुलाई आवश्यक रूप से करवाई जाएगी। यदि रनिंग स्टाफ इन व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं होता, तो उसे सलाह दी जाती है कि वह अपने साथ कम वजन का कंबल साथ लेकर आएं और रुकें। इस पूरी व्यवस्था का इंस्पेक्शन संबंधित विभाग के इंस्पेक्टर करेंगे और फीडबैक से अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाएंगे।

शॉर्ट डिस्टेंस ट्रेनें चलाने पर भी मंथन
रेलवे जल्दी ही लंबी दूरी की ट्रेनों के बजाय शॉर्ट डिस्टेंस यानी 200 से 300 किमी तक के दायरे में ट्रेनें चलाने की तैयारी में है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ रेलवे कम दूरी की ट्रेनें चलाने की भी योजना बना रहा है। हालांकि इन ट्रेनों में भी फिलहाल बिना रिजर्वेशन यात्रा संभव नहीं होगी। लेकिन इससे लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। इस योजना के तहत जयपुर से अजमेर-आगरा फोर्ट, जयपुर-उदयपुर इंटरसिटी जैसी शॉर्ट डिस्टेंस ट्रेनों को चलाए जाने की मंजूरी मिल सकती है।