रेल मंत्रालय ने प्राइवेट इनवेस्टमेंट के जरिए छोटे और सड़क के किनारे स्टेशनों पर “गुड्स शेडों डेवलपमेंट की पॉलिसी” जारी की है.

रेल मंत्रालय ने प्राइवेट इनवेस्टमेंट के जरिए छोटे और सड़क के किनारे स्टेशनों पर “गुड्स शेडों डेवलपमेंट की पॉलिसी” जारी की है. इस पॉलिसी के तहत रेलवे ने नीति में नए गुड्स शेड बनाने और मौजूदा गुड्स शेडों को प्राइवेट प्लेयर की मदद से डेवलप कर टर्मिनल क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. आप भी रेलवे की इस स्कीम के तहत इनवेस्टमेंट कर मोटी कमाई कर सकते हैं. 

रेलवे की इस पॉलिसी के तहत अगर आप रेलवे के सड़क किराने पड़ने वाले स्टेशन पर गुड्स शेड को डेवलप करने में मदद करते हैं तो रेलवे आपको स्टेशन के आसपास छोटी कैंटीन, चाय की दुकान, विज्ञापन लगाने का अधिकार सहित कई सुविधाएं देगा. इससे आप अपना खर्च निकालने के साथ कमाई भी कर सकेंगे. इस पॉलिसी के तहत प्राइवेट प्लेयर को सामान लदान के स्थान, सामान चढ़ाने /उतारने की सुविधाओं, मज़दूरों के लिए सुविधाएं (छाया के साथ आराम की जगह, पीने का पानी, स्नान की सुविधा आदि) सम्पर्क सड़क, ढंकी हुई शेड और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे को डेवलप करने की इजाजत दी जाएगी. प्राइवेट प्लेयर अपने खर्च पर ये सुविधाएं डेवलप करेगा. ये सारे डेवलपमेंट रेलवे से एप्रूव डिजाइन के आधार पर होंगे. 

रेलवे प्राइवेट प्लेयर से स्टेशन पर गुड्स शेड के डेवलपमेंट में कोई विभागीय या कोई और चार्ज नहीं लेगा. प्राइवेट प्लेयर की ओर से बनाई गई सुविधाओं का इस्तेमाल आम उपयोगकर्ता की सुविधा के रूप में किया जाएगा. रेलवे से समझौते के तहत बनाई गई संपत्ति और सुविधाओं के रखरखाव की ज़िम्मेदारी निजी व्यवसायी की होगी.