केंद्र सरकार ने त्‍योहारी सीजन में देश की अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) को सुस्‍ती से उबारने और बाजार में उपभोक्‍ता मांग (Demand) बढ़ाने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एलटीसी (LTC) कैश वाउचर स्कीम की घोषणा की है. हालांकि, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की ओर से घोषित इस योजना की सफलता के लिए केंद्र सरकार प्राइवेट सेक्‍टर की भागीदारी पर निर्भर है. अगर सरकार के इस कदम से प्रभावित होकर प्राइवेट कंपनियां भी योजना को लागू करती हैं तो अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ा फायदा मिलने की उम्‍मीद है. वहीं, कर्मचारियों के सामने भी बड़ी मुश्किल ये है कि उन्‍हें स्‍कीम के तहत 30 हजार रुपये का फायदा लेने के लिए 3,00,000 रुपये खर्च करने होंगे.

प्राइवेट सेक्‍टर में सीटीसी का हिस्‍सा होता है एलटीए निजी क्षेत्र में लीव इनकैशमेंट के साथ एलटीए (LTA) का नियम नहीं है. वहीं, सरकारी कर्मचारी यात्रा किए बिना एलटीसी का क्लेम नहीं कर सकते हैं. इसके उलट निजी क्षेत्र में टैक्स देकर एलटीए क्लेम किया जा सकता है क्‍योंकि यह सीटीसी का हिस्सा होता है. मान लीजिए कि इस वित्त वर्ष के लिए आपका एलटीए 1 लाख रुपये बनता है. टैक्‍स फ्री अलाउंस का दावा करने के लिए आपको यात्रा के टिकट दिखाने होंगे या इस पर 30 हजार रुपये टैक्स चुकाना होगा. अब सरकार मौका दे रही है कि आप गोवा या केरल की यात्रा किए बिना 30 हजार रुपये बचा सकते हैं. इसके लिए आपको 3 लाख रुपये की खरीदारी करनी होगी. आपको ऐसा सामान खरीदना होगा, जिस पर 12 फीसदी जीएसटी लगता हो. इनमें कार, लैपटॉप, टीवी, फ्रिज और स्मार्टफोन शामिल हैं. वहीं, आप टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम और यूलिप्स भी खरीद सकते हैं. इसमें भी शर्त है कि जीएसटी की दर 18 फीसदी होनी चाहिए.

किसे चुननी चाहिए एलटीसी कैश वाउचर स्‍कीम पीडब्‍ल्‍यूसी इंडिया (PwC India) में सीनियर टैक्स पार्टनर राहुल गर्ग ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के लिए एलटीसी अमूमन एक महीने की बेसिक सैलरी के बराबर होता है. इस पर टैक्स बचाने के लिए निजी क्षेत्र के कर्मचारी को इससे तीन गुना ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. टाइम्‍स ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे उन लोगों को फायदा हो सकता है, जिनके पास अतिरिक्त पैसा है और वे इन चीजों को खरीदना चाहते हैं. हालांकि, अनिश्चितता के इस दौर में बाकी लोगों के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा. फाइनेंशियल एडवाइजर सूर्या भाटिया ने कहा कि आपको यह विकल्प नहीं चुनना चाहिए. अगर आपकी अगले 6 महीने में खरीदारी की योजना है तो अपने फायदे के लिए आप इसे चुन सकते हैं.

नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था चुनने वालों के लिए भ्रम की स्थिति डेलॉयट (Deloitte) में पार्टनर होमी मिस्त्री ने कहा कि इस विकल्प को चुनने वालों को सोच समझकर फैसला करने की जरूरत है. इसमें बड़ा कनफ्यूजन है कि उन लोगों का क्या होगा, जिन्होंने इस साल नई कर व्यवस्था को चुना है. इसके तहत आप कम रेट पर इनकम टैक्स का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको सभी तरह की छूट छोड़नी पड़ेगी. इसमें एलटीए पर मिलने वाली छूट भी शामिल है. ईवाई में टैक्स पार्टनर शालिनी जैन ने कहा कि हमें टैक्स नियमों में संशोधन का इंतजार करना चाहिए. साथ ही यह भी साफ नहीं है कि जो लोग पहले ही एलटीए क्लेम कर चुके हैं, उन्हें योजना का फायदा मिलेगा या नहीं.