रोक के बावजूद उत्तर रेलवे के कर्मचारियों को नाइट एलाउंस दिया गया। अब कार्मिक विभाग ने इसकी रिकवरी करने के आदेश दिए हैं। इसका नोटिस जारी होने पर उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन ने नाराजगी जताई है। इसके साथ ही उसने डीआरएम को पत्र भेजकर रिकवरी के आदेश को वापस लेने की मांग की है।

रेलवे बोर्ड ने पिछले महीने रेल कर्मचारियों को मिलने वाले नाइट ड्यूटी एलाउंस के मामले में जारी आदेश में सीलिंग की लिमिट तय कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि आदेश में जिन रेल कर्मचारियों का मूल वेतन 43,600 या इससे कम है, केवल उन्हें ही नाइट ड्यूटी एलाउंस देने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के कारण 90 प्रतिशत रेलकर्मी इस सुविधा से बाहर हो गए हैं।


वहीं, कार्मिक विभाग ने 43,600 मूल वेतन से ज्यादा पाने वाले कर्मचारियों को अब तक दिए गए नाइट ड्यूटी एलाउंस को वापस जमा करने के आदेश दिए हैं। ऐसे रेल कर्मियों की संख्या हजारों में है, जिनसे तीन से चार लाख रुपये तक की रिकवरी होनी है।
लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, टिकट चेकिंग कर्मचारी, गार्ड, स्टेशन मास्टर व मैकेनिकल और कंट्रोलरों को पहली जुलाई 2017 के बाद से दिए गए नाइट ड्यूटी एलाउंस की रकम वापस करनी होगी।