कोरोना संकट के वजह से लगे लॉकडाउन के चलते सरकार ने कर्मचारियों की जेब पर ‘कैंची’ चलाकर राजस्व में बढ़ोत्तरी तो की है लेकिन साथ ही रिटायरमेंट को लेकर हाल में दिए कार्मिक मंत्रालय के आदेश ने भी टेंशन को बढ़ा दिया है। कोरोना संकट के चलते केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर महंगाई भत्ते (डीए) कटौती की सीधी मार पड़ रही है। सरकार ने इस साल अप्रैल में फैसला लिया था कि कर्मचारियों और पेंशनर्स का जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ता नहीं बढ़ेगा।

सरकार के फैसले के मुताबिक जनवरी 2020 से डीए में बढ़ोत्तरी की जो घोषणा हुई थी वह भी लागू नहीं है और इसका असर अगले साल जून 2021 तक रहेगा। इसके बाद डीए पर सरकार क्या फैसला लेगी यह देखने वाली बात होगी। कोरोना संकट के वजह से लगे लॉकडाउन के चलते सरकार ने कर्मचारियों की जेब पर ‘कैंची’ चलाकर राजस्व में बढ़ोत्तरी तो की है लेकिन साथ ही रिटायरमेंट को लेकर हाल में दिए कार्मिक मंत्रालय के आदेश ने भी टेंशन को बढ़ा दिया है।

कार्मिक मंत्रालय ने कर्मचारियों की रिटायमेंट से पहले रिटायरमेंट के मुद्दे पर स्थिति एक आदेश में साफ की है। मंत्रालय के मुताबिक सरकार जनहित में ऐसे कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे सकती है जो कि नौकरी के 30 साल पूरे कर चुके हों या फिर या 50-55 साल की उम्र पूरी कर ली हो। इसके साथ ही कार्मिक मंत्रालय ने कहा है कि परफॉर्मेंस के आधार पर समय-पूर्व रिटायरमेंट दी जा सकती है।