इंडियन रेलवे में दो हजार स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से सुसज्जित किया जा चुका है, भविष्य में कई जगहों पर सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाये जाने वाले हैं। आने वाले समय में ट्रेनें ऑटोमेटिक चलेंगी और ड्राइवर केवल बैठकर निगरानी करेंगे। उक्त बातें रेलवे बोर्ड के असिस्टेंट मेंबर सिग्नल राजीव शर्मा ने कही। वे मंगलवार को इंडियन रेलवे एस एंड टी मेंटेनर्स यूनियन के राष्ट्रीय सेफ्टी वेबिनार में वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने सम्मेलन में इंडियन रेलवे को अत्याधुनिक बनाने की सभी प्रक्रिया से कर्मचारियों को अवगत कराया और कहा कि इसमें तेजी से बदलाव हो रहा है, इसके लिए कर्मचारियों को भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेफ्टी एक कल्चर है। भारत के सभी स्टेशनों पर मैकेनिकल इंटरलॉकिंग के स्थान पर बहुत जल्द इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग अत्याधुनिक उपकरण के साथ लगाए जा रहे हैं जिससे दुर्घटना नाम की चीज ही खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही हम प्रोटेक्टिव मेंटेनेंस की जगह पर प्रेडक्टिव मेंटेनेंस की ओर बढ़ रहे हैं। इसका प्रायोगिक प्रोटो टाइप वृंदावन स्टेशन पर लगाया गया है जहां लोकेशन बॉक्स में एक सेंसर लगाया गया है। जैसे ही कोई उपकरण में खराबी आने वाली होती है। एक मैसेज जेनेरेट होकर सिग्नल इंजीनियरों तथा तकनीशियन को सूचना मिल जाती है और उपकरण को फेल होने से पूर्व ही उसे रिपेयर कर दिया जाता है। 

इंडियन रेलवे एस एडं टी मेंटेनर्स यूनियन के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने बताया कि 28 नवम्बर, 2018 को जिस दिन राजीव शर्मा पदभार संभाले हैं। उसी दिन सिग्नल और टेलीकॉम कर्मचारियों को रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस दिए जाने के लिए एक पत्र जारी करते हुए सभी जोनों से पिछले तीन सालों में विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे गए सिग्नल और टेलीकॉम कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा कि सिग्नल तथा टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों को रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस जरूर मिलेगा। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न जोन से 602 कर्मचारी शामिल हुये थे।