बॉलीवुड इंडस्ट्री में #MeToo मूवमेंट के समय कई सेलेब्रिटीज ने यौन शोषण से जुड़े अनुभव को साझा किया था. एक्ट्रेस रश्मि देसाई से लेकर विद्या बालन समेत कई फीमेल सेलेब्स ने अपने कास्टिंग काउच के एक्सपीरियंस को शेयर किया. इन किस्सों को सुनकर लोगों के होश उड़ गए थे. अब एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा ने अपने नए इंटरव्यू में एक अलग ही खुलासा कर दिया है.

शर्लिन ने बताया कि कास्टिंग काउच के लिए इंडस्ट्री में कोड वर्ड क्या है. उन्होंने बताया कि कैसे जब वे इंडस्ट्री में नई थीं तो उन्हें फिल्ममेकर्स ने कॉम्प्रोमाइस करने के लिए बहलाया था. उन्होंने कहा कि डिनर शब्द का मतलब कॉम्प्रोमाइस होता है ये उन्हें नहीं पता था.

एक इंटरव्यू में शर्लिन ने कहा कि वे पहले फिल्ममेकर्स के पास काम मांगने के लिए जाया करती थीं और उम्मीद करती थीं कि लोग उनके टैलेंट को समझेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं अपने पोर्टफोलियो के साथ जाती थी और वो कहते थे कि अच्छा ठीक है हम डिनर पर मिलते हैं. और मैं कहती थी कि मैं डिनर पर कितने बजे आऊं? फिर वो कहते थे रात को 11 या 12 बजे आना. मुझे इस बारे में कोई आईडिया नहीं था तब.’

शर्लिन को बाद में समझ आया कि डिनर का मतलब वो नहीं है जो उन्हें लगता है, बल्कि फिल्ममेकर्स के दिमाग में कुछ और ही चीज है. उन्होंने बताया, ‘उनके लिए डिनर का मतलब था कॉम्प्रोमाइस. तो ऐसा मेरे साथ 4 से 5 बार हुआ, फिर मुझे समझ आया. मुझे पता चला कि डिनर का मतलब है मेरे पास आओ बेबी.’

शर्लिन चोपड़ा ने ये भी बताया कि कैसे उन्होंने इस ऑफर को मना करना शुरू किया. उन्होंने कहा कि वे प्यार से लोगों को जवाब देती थीं. शर्लिन बोलीं, ‘मैंने फिर फैसला किया कि मुझे डिनर करना ही नहीं. फिर जब भी कोई मुझे डिनर कोड वर्ड के साथ कुछ कहता था तो मैं कहती थी मैं डिनर नहीं करती हूं. मेरी डाइट चल रही है. आप ब्रेकफास्ट पर बुला लो, लंच पर बुला लो.’ इसके बाद मैं लोगों को दोबारा कभी जवाब नहीं देती थी.

बता दें कि शर्लिन चोपड़ा ने जवानी दीवानी: अ यूथफुल जॉयराइड के साथ कुछ अन्य फिल्मों में काम किया हुआ है. इसके साथ ही वे बिग बॉस 3 में नजर आई थीं.