छह जोनों के आला अफसरों ने निजी ट्रेनों के नफा-नुकसान के आकलन के साथ 28 रूटों के चयन एवं टेंडर प्रक्रिया के अध्ययन के लिए रेलवे बोर्ड के आला अफसरों के अलावा आपस में लंबी गुफ्तगू की।

रेलवे बोर्ड के सदस्य, यातायात पूर्णेंदु शेखर मिश्र के बुलावे पर शुक्रवार को आयोजित इस बैठक में उत्तर, मध्य, पूर्व-मध्य, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-मध्य और दक्षिण रेलवे के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधकों ने भाग लिया। इसमें मिश्र ने रेलवे बोर्ड द्वारा फौरी तौर पर चयनित लंबी दूरी व इंटरसिटी वाले 24 रूटों एवं 4 उपनगरीय रूटों समेत कुल 56 ओरिजिनेटिंग टर्मिनलों का जिक्र करते हुए जोनल अफसरों से अपनी जरूरत और सहूलियत के अनुसार रूटों में फेरबदल करने तथा फाइनल सूची तैयार करने की सलाह दी। तदनुसार अफसरों ने आपस में भी बैठक कर रूटों के बारे में विचार-विमर्श किया।








अपनी तरह की इस पहली बैठक को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2021-22 में जब पूर्वी व पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों का संचालन प्रारंभ हो जाएगा तो मौजूदा रूट यात्री ट्रेनों के लिए काफी हद तक खाली हो जाएंगे। ऐसे में यात्री ट्रेनों की संख्या, रफ्तार और सुरक्षा क ो बढ़ाने के साथ-साथ उनकी सुविधाओं और वित्तीय सक्षमता में बढ़ोतरी भी आवश्यक हो गई है। इसमें निजी क्षेत्र मददगार साबित हो सकता है।




सूत्रों के अनुसार बैठक में बोर्ड की ओर से जोनल अफसरों को प्राइवेट ट्रेनों के लिए जरूरी तैयारियों के साथ इनके रूटों के चयन और टेंडर के बारे में आवश्यक सावधानियों से अवगत कराया गया जबकि आपसी मुद्दों को सुलझाने और निजी कंपनियों के साथ संपर्क के बुनियादी सिद्धांत भी समझाए गए। टेंडर प्रक्रिया के बारे में ये बात स्पष्ट कर दी गई कि ये पूरी तरह पारदर्शी होगी तथा रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) तथा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में देश-विदेश की सभी कंपनियों को समान मौका दिया जाएगा।




प्राइवेट ट्रेनों के संचालन में जहां इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रचालन व सुरक्षा स्टाफ (लोको पायलट, गार्ड तथा आरपीएफ गार्ड) रेलवे के होंगे, वहीं निजी कंपनियों को किराया तय करने, टिकट वितरण तथा ट्रेन के भीतर अपने हिसाब से सुविधाएं व सेवाएं प्रदान करने तथा स्टाफ रखने की छूट होगी। उन्हें ट्रेन के भीतर मनोरंजन प्रदान करने व विज्ञापन करने का अधिकार भी मिलेगा। बदले में रेलवे उनसे हॉलेज शुल्क के रूप में निश्चित रकम वसूलेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रचालन व सुरक्षा स्टाफ रेलवे के होंगे, निजी कंपनियों को किराया तय करने, टिकट वितरण का होगा अधिकार