केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 15 कर अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के चलते जबरन रिटायर कर दिया है। इन अधिकारियों में प्रिंसिपल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स, सीआईटी, जूनियर सीआईटी, असिस्टेंट सीआईटी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।








वित्त मंत्रालय ने चौथी बार उन अधिकारियों को रिटायर किया है जिनपर भ्रष्टाचार या फिर अन्य गंभीर आरोप हैं। इससे पहले तीन राउंड में सरकार ने 49 हाईरैंक के अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था।

पिछले महीने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के चलते जबरन रिटायर किया था। इन अधिकारियों को जनहित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया था। ये अधिकारी अधीक्षक/एओ रैंक के थे।








10 जून को 12 वरिष्ठ अधिकारी किए गए थे रिटायर

10 जून को वित्त मंत्रालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त 12 वरिष्ठ अफसरों को अनिवार्य तौर पर रिटायर कर दिया था। इन अफसरों में आयकर विभाग के चीफ कमिश्नर के साथ-साथ प्रिंसिपल कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात रहे अधिकारी भी शामिल थे।