रद हुई ट्रेन 220 किमी चलकर पहुंच गई मूरी, इस तरह बची 1500 यात्रियों की जान

रेलवे के इतिहास में एक अनोखी घटना घटी. रद कर दी गई ट्रेन 1500 यात्रियों को लेकर देवघर से 220 किलोमीटर दूर मूरी पहुंच गई. जब रेलवे के अधिकारियों को इसका पता चला तो उनके हाथ- पांव फूल गए.








रेलवे के इतिहास में रांची डिवीजन में रविवार को एक अनोखी घटना घटी. रेलकर्मियों की लापरवाही से एक रद ट्रेन न सिर्फ सैकड़ों किलोमीटर ट्रैक पर दौड़ी बल्कि 15 सौ से अधिक यात्री उस ट्रेन में सफर भी किए. रांची- मूरी रेलखंड पर लो हाइट सब वे निर्माण के कारण करीब एक दर्जन एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद किया गया था जिसमें देवघर- रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस भी थी लेकिन यह ट्रेन देवघर से 15 सौ से अधिक यात्रियों को लेकर न सिर्फ रवाना हुई बल्कि चल कर मूरी तक पहुंच गई जिसके आगे ट्रैक को उखाड़ कर लो हाइट सब वे का निर्माण किया जा रहा था. ट्रेन के मूरी पहुंचन जाने पर रेलवे के अधिकारियों के बीच हाहाकर मच गया और आनन-फानन में उसे वहीं टर्मिनेट कर दिया गया. यह बात अधिकारियों की समझ से भी परे रही कि रद होने के बाद भी ट्रेन देवघर से मूरी तक कैसे पहुंची.




इस पर कोई अधिकारी जबावदेही लेने का तैयार नहीं. ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी रेलवे अधिकारियों की लापरवाही सामने आती रही है. राजधानी एक्सप्रेस में कपलिंग का टूटना और चलती ट्रेन का दो हिस्सा में बंटना, एक ही ट्रैक पर दोनों तरफ से ट्रेन का आमने- सामने आ जाना, मरम्मत के दौरान ट्रैक पर दूसरी ट्रेन दौड़ा देना, जिससे दो रेलकर्मियों की मौत हो जाना ये सारी घटनाएं रांची रेल डिवीजन में सामने आ चुकी हैं.




रेलवे के बड़े अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि लापारवाही और मंडलों के बीच समन्वय के अभाव के कारण इस तरह की घटना घटती हैं लेकिन सुधार की बाबत सिर्फ यह बोल कर पल्ला झाड़ लेते हैं कि रेलवे बोर्ड और दक्षिण- पूर्व रेलवे मुख्यालय मामले को देख रहा है. रेलवे यात्री संघ और डीआरयूसीसी के सदस्य लगातार रेलवे बोर्ड  और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिख कर सूचित भी कर रहे हैं पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा.