रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक धर्मेंद्र कुमार के लिखित आदेश को नजरअंदाज कर तीन तबादला सूचियां जारी करने का मामला तूल पकड़ गया है। इन तबादलों में खेल को लेकर आखिरकार रेलवे ने जांच बिठा ही दी। उत्तर रेलवे के आइजी संजय किशोर ने जांच का जिम्मा डीआइजी पंकज गंगवाल को सौंपा है। हालांकि, दैनिक जागरण की पड़ताल, सहायक आयुक्त मनोज कुमार की चिट्ठी और अफसरशाही द्वारा अब तक कमांडेंट से तलब किए जवाब से स्पष्ट है कि इन तबादलों में सारे-नियम कायदे ताक पर रख दिए गए थे। तबादलों में पारदर्शिता का ¨ढढोरा पीटने वाले रेलवे ने अब तक किसी की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई नहीं की।








मामला सीधे अंबाला की कमांडेंट कमलजोत बराड़ से जुड़ा होने के कारण तत्काल एक्शन की जगह जांच बिठाई गई है।1दैनिक जागरण ने 9 अप्रैल 2018 को हेडकांस्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर के तबादलों में हुए खेल का पर्दाफाश किया था। सीनियर कमांडेंट (अंबाला) कमलजोत बराड़ ने महानिदेशक धर्मेंद्र कुमार के लिखित आदेश को नजरअंदाज कर 9 अप्रैल 2018 को एक-एक कर तीन तबादला सूची जारी कर दी थी। ये सूचियां बिना कमेटी का गठन किए जारी की गई थीं। इसका खुलासा खुद कमेटी के सदस्य (सहायक आयुक्त) मनोज कुमार 9 अप्रैल को लिखित में कर चुके हैं। मामला तूल पकड़ा तो तीनों सूचियों को रद कर कमेटी ने तीन तबादला सूचियां फिर से जारी की।




इस तरह सामने आई गड़बड़ी: दैनिक जागरण ने इस गड़बड़झालले का पर्दाफाश किया था। इसके तहत सहारनपुर से सब-इंस्पेक्टर लोकेश कुमार का तबादला पहले संगरूर (पंजाब) आउट पोस्ट पर किया गया था और बाद में इन्हें डीआरएम कार्यालय स्थित आरपीएफ की डीआइ ब्रांच में लगा दिया गया। इसी तरह जगाधरी वर्कशॉप से एसआइ अनुप सिंह का तबादला क्राइम इन्वेस्टीगेशन ब्रांच (सीआइबी) अंबाला में किया और बाद में संगरूर कर दिया गया।

एक ही सहायक आयुक्त ने किए थे फाइल पर हस्ताक्षर: महानिदेशक धर्मेंद्र कुमार के लिखित आदेश का उल्लंघन किया गया है। दिल्ली से सहायक आयुक्त मनोज कुमार तो अंबाला पहुंच गए लेकिन सहायक आयुक्त (अंबाला) नरेंद्र मोहन वशिष्ठ को कमेटी से दूर रखा गया। दिल्ली से अंबाला पहुंचे अधिकारी को क्या मालूम किसका तबादला कहां से कहां करना है। यानी कि पहले से तबादलों की लिस्ट तैयार कर रखी थी और फाइल पर कमेटी के एक ही सहायक आयुक्त के हस्ताक्षर हुए। शोर मचने के बाद तबादला सूची रद कर दोबारा कमेटी ने जारी की गई। कमेटी में नरेंद्र मोहन वशिष्ठ को शामिल किया गया।




एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है : आइजी 1उत्तर रेलवे के आइजी संजय किशोर ने कहा कि इस मामले की जांच डीआइजी को सौंप दी गई है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि त्रुटि क्यों हुई है। एक सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी।विदेश में होने के बावजूद सख्त रवैया 1सूत्रों का कहना है कि डीजी धर्मेद्र कुमार विदेश में होने के बावजूद इस मामले में अधिकारियों से जवाब तलब कर चुके हैं। जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।

Source:- Jagran