प्रमोशन में रिजर्वेशन नहीं मिलेगा – हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए सरकार ने प्रमोशन की इजाजत दी, प्रमोशन सशर्त होगी, हाई कोर्ट के फैसले के बाद हो सकती है डिमोशन




झारखंड के सचिवालय कर्मी समेत राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रोन्नति के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। कार्मिक विभाग की ओर से जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। प्रमोशन की मंजूरी से सचिवालय समेत राज्य के अधिकारी और कर्मचारियों को इसका सशर्त लाभ मिलेगा। प्रोन्नति का मामला फिलहाल हाईकोर्ट में है। ऐसे में जब प्रोन्नति के बाद कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आता है तो दी जानेवाली प्रोन्नति जारी रहेगी, लेकिन अगर फैसला खिलाफ आया तो प्रोन्नति वापस ले ली जायेगी।
कार्मिक विभाग ने वरीयता सूची के आधार पर 64 प्रतिशत अनारक्षित पदों पर प्रोन्नति की अनुमति मांगी थी, जिस पर सहमति दे दी गयी। वरीयता सूची से 36 प्रतिशत आरक्षित पदों पर प्रोन्नति को तत्काल सुरक्षित रखा गया है। इन पदों पर कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रोन्नति दी जाएगी। प्रोन्नति में अनुसूचित जाति के लिए दस प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 26 प्रतिशत आरक्षण अनुमान्य है। इस तरह मुख्यमंत्री की अनुमति मिलने से अनारक्षित कोटि के राज्य भर के करीब 1600 पदों पर प्रोन्नति हो सकेगी।








सचिवालय सेवा के कर्मचारियों की प्रोन्नति नहीं होने की खबर हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से छापी थी। इसके बाद कार्मिक विभाग ने प्रोन्नति में आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका, अमरेन्द्र कुमार सिंह बनाम राज्य सरकार का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि प्रोन्नति नहीं होने के कारण काम प्रभावित हो रहे हैं। विभिन्न सेवा संवर्ग के कर्मचारियों को पद रिक्त रहते हुए प्रोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है।
मामला कोर्ट में रहने के कारण प्रोन्नति पर लगी थी रोक
राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रोन्नति का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। अमरेंद्र कुमार सिंह बनाम राज्य सरकार के केस में 27 फरवरी 2017 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रोन्नति में मिलने वाले जातिगत आरक्षणपर रोक लगा दी थी। 25 जनवरी 2018 को कार्मिक विभाग की तरफ से पत्र जारी कर कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए राज्य सरकार के सभी अधिकारियों और कर्मियों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी गयी।




संघ के प्रस्ताव पर सरकार ने की अमल
झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने प्रोन्नति के मामले में सरकार से मांग की थी कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को शर्त निर्धारित कर प्रोन्नति दे दी जाये। कोर्ट का फैसला अगर सरकार की नीति के पक्ष में नहीं आये तो प्रोन्नति को वापस ले लिया जाये। संघ ने उद्योग विभाग का उदाहरण दिया था, जिसमें 2017 सितंबर में औपबंधिक प्रोन्नति के तौर पर किया गया है और प्रोन्नति का लाभ मिल रहा है।
बाक्स के लिए :- इन पदों पर हो सकेगी प्रोन्नति
राज्य में : करीब 1600 पदों पर
सचिवालय सेवा में
प्रशाखा पदाधिकारी : 500
अवर सचिव : 70
उप सचिव : 26
संयुक्त सचिव : 17