रेल कर्मचारियों ने अगर सेहत दुरुस्त न रखी तो चालीस के बाद नहीं रहेगी नौकरी

रेलवे के कर्मचारी हों या अधिकारी। अब अपनी सेहत के प्रति सावधान हो जाएं। सेहत ठीक रखना उनके लिए बेहद जरूरी है। खासकर तब जबकि उम्र 40 के आसपास या पार पहुंच रही हो। क्योंकि रेलवे में अब सभी कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए मेडिकल अनिवार्य हो गया है। कैंप लगाकर विभागवार मेडिकल चेकअप शुरू कराया जा चुका है। ऐसे में अगर सेहत काम लायक फिट न मिली तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के दायरे में भी आ सकते हैं।नई व्यवस्था के तहत अब सिर्फ सेफ्टी कैटेगरी में आने वाले लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, ट्रैक मैन, की मैन का ही मेडिकल नहीं, बल्कि हर स्तर के कर्मचारी और अधिकारी का मेडिकल चेकअप होगा।








खासकर 40 की आयु पार करने वालों का। एक अफसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया मेडिकल रिपोर्ट संबंधित के सीआर में भी दर्ज की जाएगी। मेडिकल में फिट नहीं मिलने पर कर्मचारी-अधिकारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के दायरे में आ सकते हैं। ऐसे में अगर चाहते हैं कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के तहत लाकर आपको घर नहीं भेजा जाए तो सेहत ठीक कर लें।




सेहत सुधार के लिए कई प्रयास :रेलवे प्रशासन ने कर्मचारियों-अधिकारियों की सेहत ठीक रखने के लिए कई प्रयास भी किए हैं। कार्यालयों में काम का माहौल ठीक करने के लिए तय समय तक काम करने, छुट्टी देने आदि का इंतजाम किया गया है। साथ ही कॉलोनियों और रनिंग रूमों में जिम, मेडिटेशन कक्ष आदि की सुविधा उपलब्ध कराई है। ताकि रेलवे अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को शारीरिक रूप से फिट रख सके।




कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए भी जतन शुरूरेलवे में कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए भी जतन शुरू हो चुका है। इसके लिए हाल ही में हर स्तर के कर्मचारी और अधिकारी के प्रशिक्षण का शेड्यूल उत्तर मध्य रेलवे के कार्मिक विभाग की ओर से तय किया गया है। इसकी शुरुआत इसी माह रेलवे के जीएम एमसी चौहान ने की। इसके पीछे कार्य कुशलता बढ़ाने का तर्क दिया जा रहा है।

एक आयु के बाद मेडिकल जांच सेहत के नजरिये से उचित है, और मानव संसाधन विकास के नजरिये से भी जरूरी है। इस योजना के तहत हमारे कर्मचारी और अधिकारी पूरे उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। -गौरव कृष्ण बंसल मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एनसीआर