उत्तर रेलवे मुख्यालय ने साढ़े नौ माह के बाद रामपुर के पास हुई राज्यरानी हादसे की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें दुर्घटना का कारण रेलवे लाइन का कमजोर होना बताया है। जांच टीम को तोड़फोड़ संबंधी कोई प्रमाण नहीं मिले है। इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) को दोषी माना गया है। 1समिति की जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि घटनास्थल पर मिली पटरी घिसकर नीचे की ओर से नौ मिलीमीटर की बजाय तीन मिलीमीटर ही रह गई थी। एक्सपायर हो जाने के बाद रेलवे लाइन नहीं बदली गई। इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने ट्रेनों को धीमी गति से चलाने या रेल यातायात बंद करने के आदेश नहीं दिए थे। इसके लिए प्रथम रूप से इंजीनियरिंग विभाग के तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) रामपुर को दोषी ठहराया गया।








एसएसई को चार्जशीट जारी : मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि राज्यरानी हादसे की जांच रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट के अनुसार पटरी कमजोर होने के कारण टूटी थी। इसके लिए तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) रामपुर आरके शर्मा को दोषी ठहराया गया है। उन्हें चार्जशीट दे दी गई है। दंड निर्धारित करने के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

हादसे के बाद जांच पर एक राय नहीं दिखे अफसर : 15 अप्रैल 2017 को रामपुर के पास मेरठ से लखनऊ जाने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस की 10 बोगियां पटरी से उतर गईं थीं। इसमें 12 से अधिक यात्री घायल हो गए थे। घटना के बाद इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी हादसे की वजह रेलवे लाइन में तोड़फोड़ होना बता रहे थे, जबकि सिविल पुलिस, एटीएस ने जांच के बाद आतंकी साजिश से इन्कार कर दिया था। जीआरपी रामपुर ने अज्ञात रेलवे अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया था। सीओ जीआरपी को इसकी जांच सौंपी गई थी।




प्रयोगशाला में भी नहीं मिले थे तोड़फोड़ के साक्ष्य : घटनास्थल पर मिले रेल लाइन के टुकड़े को जीआरपी ने जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया था। यहां जांच में तोड़फोड़ संबंधी साक्ष्य नहीं मिले। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार पटरी चटकने के बाद टूटी थी। उत्तर रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक ने मुख्यालय के चार अधिकारियों की जांच समिति गठित कर दी। 1रेल प्रशासन और जीआरपी में चली थी खींचतान : लंबी खींचतान के बाद रेल प्रशासन व जीआरपी ने संयुक्त रूप से रेल लाइन के टुकड़े को जांच के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ भेजा। दो बार जांच समिति के अध्यक्ष का तबादला होने और विवाद होने के कारण जांच लंबी खिंचती चली गई। पिछले दिनों जांच समिति से जांच रिपोर्ट उत्तर रेलवे महाप्रबंधक (जीएम) को सौंप दी गई।




>घिसकर तीन मिमी रह गई थी पटरी इंजीनियरिंग विभाग ने नहीं बदली

>तोड़फोड़ के नहीं मिले साक्ष्य, साढ़े नौ माह के बाद मुख्यालय ने सौंपी जांच

गेटमैन की सतर्कता से टला हादसा :- गेट मैन की सतर्कता से ट्रेन हादसा टल गया। सोमवार सुबह 8.30 बजे बघोली स्टेशन के पास गेट संख्या 297 सी के गेटमैन ने रेल लाइन चटकने से टूटा हुआ पाया। सूचना मिलते ही बघोली स्टेशन मास्टर ने चंडीगढ़ से लखनऊ जाने वाली एक्सप्रेस को स्टेशन पर रोक दिया। तकनीकी टीम पहुंचकर सुबह नौ बजे लाइन की अस्थायी मरम्मत की। नई दिल्ली से न्यू जलपाईगुड़ी जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस का यात्रियों ने सुबह 10.45 बजे चेन पुलिंग कर बरेली के पास ट्रेन रोक दी। जिससे ब्रेक जाम हो गया। तकनीकी टीम ने सुबह 11.35 बजे ठीक कर ट्रेन को चलाया। जिससे किसान एक्सप्रेस व दो मालगाड़ी बीच रास्ते में रुकी रही।

Source:- DJ