सातवें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपए से बढ़कर 18,000 रुपए महीने हो जाएगी। वहीं सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद अधिकतम सैलरी 2.5 लाख रुपए महीने हो गई ।








नयी दिल्ली:- केंद्रीय कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे सैलरी बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने सीनियर और मिड लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं करने का मन बना लिया है। केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे उन केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है जो कर्मचारी मैट्रिक्स लेवल 5 के अंतर्गत आते हैं। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे में 14.27 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।




सातवें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपए से बढ़कर 18,000 रुपए महीने हो जाएगी। वहीं सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद अधिकतम सैलरी 2.5 लाख रुपए महीने होगी। कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जून 2016 में ही मंजूरी दे दी थी। आपको बता दें कि वेतन विसंगति को सुलाझाने के लिए नेशनल अनॉमली कमेटी बनाई गई थी। न्यूनतम वेतन मे बढ़ोतरी और फिटमेंट फेक्टर वेतन विसंगति नहीं थे। इसलिए यह नेशनल अनॉमली कमेटी के दायरे में नहीं आते। इसके बाद खबरें आईं कि केंद्र सरकार एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करेगी। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।




इस समिति में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सचिवों के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग, पेंशन, रिवेन्यू, एक्सपेंडेचर, हेल्थ, रेलवे बोर्ड के साइंस एंड टेक्नॉलोजी के चैयरमेन और डिप्टी कैग इसके मेंबर हो सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा इस कमेटी के अध्यक्ष हों। इसके बाद सैलरी बढ़ाने को लेकर आगे बात की जाएगी। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर इस कमेटी की कोई जानकारी नहीं दी गई है। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि सरकार न्यूनतम वेतन को 18,000 के बजाय 26,000 रुपए महीने करे। वहीं फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना करने के बजाय 3.68 गुना करे।